यह बोले व्यापारी
चूड़ी विक्रेता संदीप अग्रवाल बताते हैं कि नए कल्चर में चूड़ी की डिमांड भी बदली है। विदेशों में रहने वाले लोगों की डिमांड अब ऐसी चूड़ियों की आ रही है। जिन पर पति और पत्नी के फोटो और नाम लिखे हों। सिंगापुर से सजना की तस्वीर वाले कंगन के आर्डर फीरोजाबाद आए हैं। सिंगापुर नौकरी करने वाली गायत्री ने भी फेसबुक के जरिए कारोबारियों से संपर्क कर अपनी एवं पति की फोटो के साथ कंगन का सैट बनवाया है।
चूड़ी विक्रेता संदीप अग्रवाल बताते हैं कि नए कल्चर में चूड़ी की डिमांड भी बदली है। विदेशों में रहने वाले लोगों की डिमांड अब ऐसी चूड़ियों की आ रही है। जिन पर पति और पत्नी के फोटो और नाम लिखे हों। सिंगापुर से सजना की तस्वीर वाले कंगन के आर्डर फीरोजाबाद आए हैं। सिंगापुर नौकरी करने वाली गायत्री ने भी फेसबुक के जरिए कारोबारियों से संपर्क कर अपनी एवं पति की फोटो के साथ कंगन का सैट बनवाया है।
कांच पर कारीगरी
चूड़ी कारोबारी संजय मित्तल बताते हैं कि अभी तक फोटो युक्त कंगन सीप पर बनाए जाते थे। सीप के कंगन के साथ चूड़ी पहनने पर वो खनक भी नहीं आती थी, जो कांच के कंगन और चूड़ी पहनने से आती है। कांच के टूटने का खतरा रहता था ऐसे में कारोबारी इतने महंगे कंगन बनाने से बचते थे। कुछ कारोबारियों ने जोखिम उठाया तो कांच की खनक के साथ फोटो का मेल महिलाओं को भी खूब भा रहा है।
चूड़ी कारोबारी संजय मित्तल बताते हैं कि अभी तक फोटो युक्त कंगन सीप पर बनाए जाते थे। सीप के कंगन के साथ चूड़ी पहनने पर वो खनक भी नहीं आती थी, जो कांच के कंगन और चूड़ी पहनने से आती है। कांच के टूटने का खतरा रहता था ऐसे में कारोबारी इतने महंगे कंगन बनाने से बचते थे। कुछ कारोबारियों ने जोखिम उठाया तो कांच की खनक के साथ फोटो का मेल महिलाओं को भी खूब भा रहा है।
नाम लिखने की कला भी है अलग
शहर में तैयार होने वाली चूड़ियों की कारीगरी भी अपने आप में अलग है। पहले चूड़ियों पर नाम केवल अंग्रेजी भाषा में ही लिखे जाते थे लेकिन चूड़ियों पर नाम लिखने की कला भी अपने आप में अनोखी है। वर्तमान में अब चूड़ियों पर हिंदी, मराठी, उर्दू, पंजाबी समेत अन्य भाषा में कपल के नाम लिखे जा रहे हैं। कारोबारी पवन अग्रवाल बताते हैं पहले हाथ से स्टोन लगाने में अन्य भाषा में अक्षर टेढ़े हो जाते थे। अब मशीन से मार्किंग होने लगी है। जिससे आर्डर के आधार पर विभिन्न भाषाओं में नाम लिखने में सहूलियत रहती है। इनकी डिमांड विदेशों से व्हाट्स एप के माध्यम से आती हैं।
शहर में तैयार होने वाली चूड़ियों की कारीगरी भी अपने आप में अलग है। पहले चूड़ियों पर नाम केवल अंग्रेजी भाषा में ही लिखे जाते थे लेकिन चूड़ियों पर नाम लिखने की कला भी अपने आप में अनोखी है। वर्तमान में अब चूड़ियों पर हिंदी, मराठी, उर्दू, पंजाबी समेत अन्य भाषा में कपल के नाम लिखे जा रहे हैं। कारोबारी पवन अग्रवाल बताते हैं पहले हाथ से स्टोन लगाने में अन्य भाषा में अक्षर टेढ़े हो जाते थे। अब मशीन से मार्किंग होने लगी है। जिससे आर्डर के आधार पर विभिन्न भाषाओं में नाम लिखने में सहूलियत रहती है। इनकी डिमांड विदेशों से व्हाट्स एप के माध्यम से आती हैं।