फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। जहां मारपीट के मामले में पुलिस ने एक आठ माह की गर्भवती महिला को न केवल आरोपी बनाया बल्कि 18 घंटे तक उसे हवालात में बंद रखने के साथ ही शांति भंग की धारा में चालान कर दिया।
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थाना नारखी क्षेत्र के गांव परीक्षतपुर निवासी हंस कुमारी आठ माह की गर्भवती है। चार दिन पहले हंस कुमारी के पक्ष की गांव के ही दूसरे पक्ष से झगड़ा हो गया था। परिजनों का आरोप है कि एक गाड़ी से चार पुलिसकर्मी महिला के घर पहुंचे। जहां उन्होंने महिला से अभद्रता करते हुए गर्भवती महिला समेत चार महिलाओं को 18 घंटे थाने में रखने के बाद उनका शांति भंग की धारा में चालान कर दिया गया। जमानत पर बाहर आई गर्भवती महिला जैसे ही घर पहुंची उसकी तबियत बिगड़ गई।
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ग्रामीणों ने किया हंगामा
पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर दिया। पुलिस पर दबंगई और मनमानी के आरोप लगाए। परिजन आरोपी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पीड़िता की सास विद्या देवी ने बताया कि पुलिसकर्मी उनकी गर्भवती बहू को जबरन गाड़ी में ले गए और गालियां दीं। तबियत खराब होने पर उसका इलाज कराया गया है। इस मामले को लेकर सीओ टूंडला अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। महिलाओं को पत्थर फेंकने के मामले में पुलिस लेकर आई थी, उनमें गर्भवती भी थी। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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