सोमवार को दो मैक्स गाड़ियों में सवार करीब डेढ़ सौ से 200 के बीच महिला, पुरुष और बच्चे पचोखरा के श्रीनगर गांव पहुंचे। एक साथ इतनी भीड़ को देखकर गांव में हड़कंप मच गया। बाहर घूम रहे ग्रामीण कोरोना के भय से अंदर पहुंच गए। पशु हाट परिसर में रुके लोगों ने बताया कि वह बरेली के थाना नवाबगंज के रहने वाले हैं। वह सभी जयपुर में मेहनत मजदूरी करते हैं। वहां काम बंद होने के बाद सुबह जयपुर से फतेहपुर सीकरी उतरे थे।
वहां से दो मैक्स गाड़ियों में सवार होकर अपने गांव जा रहे थे। तभी अवागढ़ पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया और वापस भेज दिया। वह वापस आ रहे थे तभी पचोखरा सीमा में यहां की पुलिस ने उनकी गाड़ियों को आगे नहीं जाने दिया। मजबूरन वह पशु हाट के मैदान पर आकर रुके हैं। सीमाएं सील होने के बाद वह बीच में ही फंस गए हैं। हमारे साथ महिलाएं और छोटे बच्चे भी हैं। हम सभी समुदाय विशेष के लोग हैं और एक ही जगह पर काम करते हैं।
पशु हाट में रुके मुस्लिम समाज के महिला, पुरुष और बच्चे विगत कई दिनों से भूखे थे। उनके पास खाने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। आरएसएस के विभाग प्रचारक धर्मेन्द्र के निर्देशन पर संघ के पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर उनके रुकने की व्यवस्था करते हुए नाश्ता, पानी और भोजन का इंतजाम किया। आरएसएस पदाधिकारियों द्वारा किए गए सेवा भाव को देखकर समाज की महिलाएं और बच्चे गदगद हो गए। सेवा करने वालों में जिला गौ सेवा प्रमुख रिषी उपाध्याय, संजय परमार, ब्रहृमदत्त दिवाकर, आईटी सेल के अमित गुप्ता समेत अन्य मौजूद रहे।