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सपा विधायक ने की अखिलेश के इस्तीफे मांग, बोले- मुलायम बनें राष्ट्रीय अध्यक्ष

locationफिरोजाबादPublished: May 24, 2019 09:55:52 pm

फिरोजाबाद में सपा की हार के बाद बढ़ी रार, कहा- अखिलेश के रहते सपा आगे नहीं बढ़ सकती

फिरोजाबाद। लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा से गठबंधन के बाद भी समाजवादी पार्टी की बुरी हार हुई है। सपा के फिरोजाबाद और बदायूं जैसे किले भी ढह गए हैं। मैनपुरी में मुलायम सिंह जीते हैं, लेकिन शानदार जीत नहीं हुई है। इसे देखते हुए सपा के विधायक हरिओम यादव ने कहा है कि अब अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। मुलायम सिंह यादव से माफी मांगें और उन्हें फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद सौंपे। जिले के एक सपा मात्र विधायक हैं हरिओम यादव, मुलायम सिंह के समधी भी हैं।
hariom yadav
अखिलेश ने नेताजी को अपमानित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हथियाया
पत्रिका से बातचीत में हरिओम यादव ने कहा- हमने शिकोहाबाद के रामलीला मैदन में रैली की थी। एक लाख लोग थे रैली में। हमने घोषणा कर दी थी कि अब समाजवादी पार्टी खत्म होने जा रही है। इसके कई कारण हैं। हमने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ काम किया है। हम अखिलेश के विरोधी नहीं हैं। अखिलेश के समर्थक और शुभचिंतक हैं, लेकिन जिस तरह से अखिलेश ने नेताजी को अपमानित करके राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हथियाया है, वह गलत है।
रामगोपाल के कारण ये दिन देखना पड़ा
उन्होंने कहाकि इतिहास गवाह है कि जिन लड़कों ने अपने पिता की आत्मा को कष्ट देकर कोई चीज हासिल की है, वह कभी फलीभूत नहीं हुई है। पिता की आत्मा को कष्ट देने वाला लड़का कभी तरक्की नहीं कर सका है। जिस दिन नेताजी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए जा रहे थे, उस समय पूरे देश के समाजवादी पार्टी के नेताओं की आत्मा रो रही थी। परिवार में शकुनी पैदा हुआ है प्रो. रामगोपाल के रूप में। इसी कारण नेताजी को ये दिन देखना पड़ा और अपमानित होना पड़ा। पूरे देश की जनता इस घटना से दुखी थी।
फिरोजाबाद में रामगोपाल के अहंकार की हार
फिरोजाबाद में समाजवादी पार्टी की हार पर सपा विधायक ने कहा – नयह तो हारना ही था। फिरोजाबाद की जनता का अपमान किया। मुझे और छोटू को जेल जाना पड़ा। जिले में अपराधियों और दलालों का बोलबाला था। शराब खुलेआम बिक रही थी। जुआ और सट्टा हो रहा था। प्रोफेसर रामगोपाल के संरक्षण में हो रहा था। यह प्रोफेसर की अहंकार की हार है। उन्होंने कहा था कि मेरा अक्षय चार राक्षसों का वध करेगा, जिनमें तीन फिरोजाबाद और एक मेरे परिवार का है। इसमें तीन हम थे और शिवपाल थे। प्रोफेसर को उनके अहंकार ने नष्ट कर दिया। उनका लड़का किसी का वध नहीं कर पाया और खुद का वध कर लिया।
अखिलेश के रहते सपा आगे नहीं बढ़ सकती
उन्होंने कहा कि अभी हम समाजवादी पार्टी में हैं। पर्टी के लिए हमने तन मन धन लगाया। हमारी सहानुभूति है अखिलेश के प्रति। मेरी राय है कि अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष नेताजी को सुपुर्द कर दें और खुद पार्टी चलाएं। कुछ लोगों का भाग्य होता है। अखिलेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए तीन चुनाव लड़े हैं और पूरी तरह फ्लॉप रहे हैं। अखिलेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए समाजवादी पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती है। नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दें। नेताजी के पास जाएं और कहें कि मुझसे गलती हो गई है। पिता से माफी मांगने में कोई हर्ज नहीं है। वही लड़का महान है, जो पिता से माफी मांग ले।
गठबंधन के कारण हारी सपा
क्या सैफई परिवार एक हो सकता है, सवाल पर कहा कि एक ही आदमी प्रो. रामगोपाल को अलग कर दें, तो पूरे परिवार में कोई झगड़ा नहीं है। नेताजी के बात सब मान जाएंगे। 1989, 1992, 2002, 2007 की पार्टी फिर से लौटकर आ जएगी। नेताजी हर जिले के लोगों को बुलाकर फीडबैक लेते थे। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए बढ़िया मौका था। अगर अकेले लड़ते तो 25 सीट लेकर आते। अब तो ट्विटर, फेसबुक और एसी में बैठकर राजनीति हो रही है। यह सपा की राजनीति नहीं है। यहां तो कोई पूछता ही नहीं है। किसी भी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने फोन नहीं किया होगा कि आइए चर्चा करते हैं। लोकसभा चुनाव में हार गठबंधन के कारण हुई है। जनता को लगा कि ये तीन जाति की गठबंधन है- मुस्लिम, जाटव और यादव। इस कारण अन्य सभी जातियों का भाजपा की ओर ध्रुवीकरण हो गया।

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