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स्वच्छ भारत मिशन में 48 लाख का घोटाला

locationफिरोजाबादPublished: Jul 10, 2018 05:32:31 pm

Submitted by:

suchita mishra

ग्राम पंचायत हिम्मतपुर, गढी निर्भय, शिवसिंहपुर व शेखूपुर राजमल में पूरे नहीं हैं शौचालय

Toilet

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फिरोजाबाद। केन्द्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना में ग्राम प्रधान और सचिवों ने 48 लाख रुपये का घोटाला कर दिया। वर्ष 2014-15 में बने शौचालय धरातल पर गायब हैं। कई पंचायतों में शौचालय खोजे नहीं मिल रहे हैं। शौचालयों की गिनती पूरी न होने के कारण जियो टैगिंग नहीं हो पा रही है। जियो टैगिंग यानी भू टैगिंग जिसमें स्थल की लोकेशन चिह्नित की जाती है। मुख्य विकास अधिकारी नेहा जैन ने बताया कि घोटाले की जांच कराई जाएगी।
2014 में बने थे शौचालय
देश को साफ सुथरा बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत गांवों को खुले से शौच मुक्त करना था। इस योजना के तहत गांवों में शौचालय बनवाए गए थे। वर्ष 2014-15 में ग्राम पंचायत निधि के खाते में पैसा भेजकर शौचालयों का निर्माण कराया गया था। ग्राम पंचायत हिम्मतपुर में 376 शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये प्रति शौचालय के हिसाब से पैसा पंचायत के खाते में आया था। वर्तमान में करीब 99 शौचालय गायब हैं। वर्तमान ग्राम प्रधान यादवेन्द्र सिंह चैहान ने एडीओ, बीडीओ, डीपीआरओ समेत आला अधिकारियों से शिकायत की है। ग्राम प्रधान का कहना है कि शौचालय पूरे न होने के कारण वर्तमान में बन रहे शौचालयों की जीओ टैगिंग नहीं हो पा रही है। इससे उनके गांव की प्रगति नहीं बढ़ पा रही है।
इन पंचायतों में भी नहीं हैं शौचालय
ग्राम पंचायत गढ़ी निर्भय में 340 शौचालय का पैसा आया था। इसमें से करीब 92 शौचालय नदारद हैं। ग्राम पंचायत शिवसिंहपुर में 438 शौचालय का पैसा आया था। इसमें करीब 90 शौचालय धरातल पर नहीं हैं। ग्राम पंचायत शेखूपुर राजमल में 624 शौचालय निर्माण का पैसा शासन द्वारा भेजा गया। यहां करीब 150 शौचालयों का अता-पता नहीं हैं। अन्य पंचायतों में भी शौचालय कम हैं।
नहीं हो पा रही जीओ टैगिंग
सरकार की मंशा है कि दो अक्टूबर तक पूरे देश को ओडीएफ कर दिया जाए। जिले को ओडीएफ करने के लिए डीएम नेहा शर्मा ने 15 अगस्त तक का समय सचिव और ग्राम प्रधानों को दिया है। इस हालत को देखकर नहीं लग रहा है कि जिला समय से ओडीएफ हो पाएगा।
बचाने में लगे जिला स्तरीय अधिकारी
ब्लॉक में हुए घोटाले की जानकारी जिला स्तरीय अधिकारियों को है। कुछ जिला स्तरीय अधिकारी अपने चहेते सचिवों को बचाने में लगे हुए हैं।

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