साढ़े नौ लाख रुपए फिरौती मांगी थी
शिकोहाबाद के छीछामई निवासी गरीब मजदूर गीतम सिंह का सात वर्षीय पुत्र हरी बाबू चार फरवरी शाम घर से पांच रुपये लेकर दुकान पर गया था। जिसके बाद नहीं लौटा। पिता ने पांच फरवरी को थाने में तहरीर दी। पुलिस मुकदमा दर्ज कर शांत बैठ गई। इस बीच बच्चे के परिजन उसकी तलाश में इधर-उधर भटकते रहे। आठ दिन बाद 14 फरवरी को बच्चे के चाचा के पास अपहरर्ता का फोन आया और उनसे साढ़े नौ लाख रुपये की फिरौती मांगी तो परिवार में सन्नाटा पसर गया। परिवार की माली हालत देखकर इतनी बड़ी रकम कहां से जुटाएगा इसी सोच में पूरा परिवार दुखी हो गया। दूसरे दिन फोन पर अपहर्ता से उसने नौ लाख रुपए जुटाने में असमर्थता जताई तो फिर अपर्हता ने उससे साढ़े तीन लाख रुपये की मांग की। परिवार इस रकम को भी जुटाने में असमर्थ था, लेकिन बच्चे की सलामती की खातिर उसने अपहर्ता से फिर भी रकम जुटाने का आश्वासन दे दिया।
पुलिस को दी थी जानकारी
परिजन ने पुलिस को 17 फरवरी को फिरौती मांगे जाने भी जानकारी दी गयी थी। फिर भी कुछ न कर सकी। सोमवार शाम बच्चे का शव गांव के पास ही सरसों के खेत में मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले में थाना पुलिस की लापरवाही साफ दिख रही है, जो चार फरवरी से गायब बच्चे का सुराग फिरौती की सूचना मिलने के बाद भी नहीं लगा सकी। वहीं बच्चे की मौत के बाद एसएसपी डॉ मनोज कुमार थाना शिकोहाबाद पहुंच गए, जहां बंद कमरे में बच्चे के पिता से बात की।
पड़ोसी ने किया था अपहरण
एसएसपी डॉ मनोज कुमार का कहना है कि छीछामई निवासी गीतम सिंह के सात वर्षीय पुत्र हरी बाबू का अपहरण उसके पड़ोस के ही धर्मीदास वाल्मीकि ने किया था। उसी ने उसे पांच रुपये देकर दुकान पर भेजा था। इसके बाद लगातार परिवार के साथ रहा, जिससे किसी को शक न हो। वहीं गीतम सिंह की तहरीर के बाद 17 को उसके चाचा के पास फिरौती के फोन आने की बात बताने पर इस केस की इन्वेस्टिगेशन और तेज कर दी गयी थी। मामला 18 फरवरी को ही आईपीसी की धारा 363 में दर्ज कर लिया गया था। मोबाइल सर्विलांस पर लगा था। फोन पर इसने बिहार के रनवीर ठाकुर के भाई होने की बात कही थी, पर नम्बर की लोकेशन यही आसपास मिल रही थी। जिसके बाद आरोपी धर्मीदास को पकड़ लिया गया। उसकी निशानदेही पर ही बच्चे का शव मिला। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।