फिरोजाबाद

पांच घंटे बाद कुछ इस तरह समाप्त हुआ सपाइयों का धरना—प्रदर्शन, जानिए किस बात को लेकर नाराज थे सपाई, देखें वीडियो

— प्रयागराज जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके जाने को लेकर सांसद अक्षय यादव के नेतृत्व में सपाइयों ने किया था प्रदर्शन।

फिरोजाबादFeb 13, 2019 / 11:00 am

अमित शर्मा

akshay

फिरोजाबाद। प्रयागराज जाने के दौरान लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके गए पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के समर्थन में सांसद अक्षय यादव के नेतृत्व में सपाई धरने पर बैठ गए थे। इस दौरान सपाइयों ने पांच घंटे तक शहर के सुभाष तिराहा पर धरना प्रदर्शन किया। सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। पांच घंटे बाद पुलिस को ज्ञापन देने के बाद धरना प्रदर्शन को समाप्त किया गया। तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली।
 

ये बोले सपा सांसद
सुभाष तिराहे पर धरने पर बैठे सांसद अक्षय ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकारें सपा और बसपा के गठबंधन के बाद पूरी तरह से डरी हुई हैं। प्रदेश में सपा और बसपा नेताओं को परेशान किया जा रहा है। लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को हवाई जहाज में चढ़ने से रोका गया। उसके बाद इलाहाबाद में जब शांति से मार्च निकाला जा रहा था तो सांसद धर्मेंद्र यादव के ऊपर लाठीचार्ज कर दिया गया।
गुस्से में हैं सपाई
सांसद ने कहा कि शाम को जब हमें सूचना मिली कि अखिलेश यादव के ऊपर किसी दरोगा ने रिवाल्वर तक तान दी तो फिर हम गुस्से में आ गए और धरना प्रदर्शन करने चले आए। एमएलसी डा. दिलीप यादव ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की तानाशाही को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर सरकार इस तरह से सपा बसपा को परेशान करेगी तो हम चुप नहीं बैठने वाले। सपा नेता अवनींद्र यादव ने कहा कि ईंट का जवाब पत्थर से देना भी जानते हैं लेकिन चुनाव को लेकर हम चाहते हैं कि प्रदेश में किसी प्रकार की शांत फिजा को खराब नहीं होने दिया जाए। यह भाजपा की सरकारें लोगों को भड़काना चाहती हैं जो गलत है। धरने में सपा के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा की सरकारों पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी की।
बना दिया था छावनी
धरना प्रदर्शन के दौरान सपाई और पुलिस अधिकारियों में कहासुनी तक हो गई। सपाई जले भरो आंदोलन की धमकी दे रहे थे। मामले को भांपते हुए मौके पर छावनी बना दी गई। एसपी सिटी राजेश कुमार, सीओ सिटी संजय वर्मा, सीओ टूंडला डॉ. अरूण कुमार समेत कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा दिया गया था। समय को भांपते हुए सपाइयों ने पांच घंटे बाद रात्रि को धरना समाप्त कर दिया था।
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