टूंडला थाना क्षेत्र का मामला
थाना टूंडला क्षेत्र के गांव टूंडली निवासी किशन स्वरूप निगम पुत्र लायकराम शुक्रवार को परिवारीजनों के साथ घर में बैठे थे। तभी उन्हें छत के हिलने का आभास हुआ। वह परिवारीजनों को साथ लेकर घर से बाहर निकल आए। तभी जोर से धमाके के साथ मकान की छत भरभरा कर गिर पड़ी। आवाज सुनकर आस-पास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। चारों ओर धुंध छा जाने के कारण किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्या हुआ। धुंध छटने के बाद मकान गिरने की जानकारी होने पर लोगों ने राहत कार्य शुरू कर दिया। गनीमत रही कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय परिवारीजन बाहर आकर खड़े हो गए थे। मलबे में मकान स्वामी का घरेलू सामान दब गया।
थाना टूंडला क्षेत्र के गांव टूंडली निवासी किशन स्वरूप निगम पुत्र लायकराम शुक्रवार को परिवारीजनों के साथ घर में बैठे थे। तभी उन्हें छत के हिलने का आभास हुआ। वह परिवारीजनों को साथ लेकर घर से बाहर निकल आए। तभी जोर से धमाके के साथ मकान की छत भरभरा कर गिर पड़ी। आवाज सुनकर आस-पास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। चारों ओर धुंध छा जाने के कारण किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्या हुआ। धुंध छटने के बाद मकान गिरने की जानकारी होने पर लोगों ने राहत कार्य शुरू कर दिया। गनीमत रही कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय परिवारीजन बाहर आकर खड़े हो गए थे। मलबे में मकान स्वामी का घरेलू सामान दब गया।
हादसे के समय ये थे मौजूद
जिस समय यह हादसा हुआ। उस समय घर के अंदर मकान स्वामी किशन स्वरूप, उनकी पत्नी पत्नी रेशमा देवी, चार बेटे मुकेश कुमार, अनीश, सुनील कुमार, संजय कुमार और सुनील की पत्नी रेशमा घर पर थे। सूझबूझ से सभी की जान बच गई। अन्यथा गंभीर परिणाम हो सकते थे।
जिस समय यह हादसा हुआ। उस समय घर के अंदर मकान स्वामी किशन स्वरूप, उनकी पत्नी पत्नी रेशमा देवी, चार बेटे मुकेश कुमार, अनीश, सुनील कुमार, संजय कुमार और सुनील की पत्नी रेशमा घर पर थे। सूझबूझ से सभी की जान बच गई। अन्यथा गंभीर परिणाम हो सकते थे।