लोक अदालत का शुभारंभ न्यायालय सभागार में जिला जज ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में उन्होंने लोक अदालतों को देश की प्रगति में सहायक बताते हुए अवगत कराया कि न्यायालयों में उपलब्ध जनशक्ति की तुलना में न्यायाधीशों और अधिकारियों की संख्या अत्यंत कम है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में निस्तारण होने योग्य वादों का अधिक से अधिक निस्तारित करके हम न सिर्फ न्यायालयों में लम्बित मुकदमों की संख्या कम कर पाएंगे, बल्कि वादकारियों को भी लम्बी न्यायिक प्रक्रिया से राहत मिलेगी। इससे निश्चित रूप से राष्ट्र का उत्थान होगा।
नोडल अधिकारी एवं अपर जिला जज राकेश सिंह ने बैंकों की सार्थक भूमिका की सराहना करते हुए बताया कि परिवार न्यायालय के माध्यम से तय होने वाले मुकदमों से परिवारों में खुशहाली आती है तथा जिन मामलों में भरण-पोषण देय होता है उसे दिलाए जाने की प्रक्रिया भी संस्थित होती है। उन्होंने पुलिस, प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारियों का लोक अदालत को सफल बनाने हेतु आभार भी व्यक्त किया।
सिविल जज एवं सचिव सुधाकर दुबे ने लोक अदालत के विषय में तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया एवं निस्तारित किए गए वादों के विषय में भी अवगत कराया। इस दौरान वरिष्ठ अपर जिला जज इंद्रीश कुमार, सीजेएम अरविंद कुमार यादव, स्टेट बैंक के सहायक क्षेत्रीय महाप्रबंधक आगरा प्रमोद कुमार मिश्र, मुख्य प्रबंधक एसबीआई राजीव सिंह गौतम, लीड बैंक मैनेजर एसके खंडेलवाल सहित सभी न्यायिक अधिकारी, बैंकों के प्रतिनिधि व विद्वान अधिवक्ता मौजूद रहे।