30 दिसंबर को कर दी थी हत्या
लेबर कॉलोनी निवासी दिलीप कुमार की 30 दिसंबर को धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। उसका शव दूसरे दिन रेलवे लाइन पर मिला था। युवक की हत्या से पुलिस को होश उड़ गए थे। हत्या में परिजनों ने पांच लोगों को नामजद किया था। पुलिस ने इस मामले की तहकीकात की तो मामला कुछ और ही सामने आया।
लेबर कॉलोनी निवासी दिलीप कुमार की 30 दिसंबर को धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। उसका शव दूसरे दिन रेलवे लाइन पर मिला था। युवक की हत्या से पुलिस को होश उड़ गए थे। हत्या में परिजनों ने पांच लोगों को नामजद किया था। पुलिस ने इस मामले की तहकीकात की तो मामला कुछ और ही सामने आया।
ये निकले आरोपी
पुलिस ने दिलीप की हत्या में उसकी पत्नी आरती और उसके प्रेमी गौरव पुत्र रामशंकर निवासी रामपुरा कुर्रा मैनपुरी को दबोच लिया। दोनों रेलवे बुकिंग खिड़की पर खड़े थे। पुलिस की मानें तो दोनों कहीं भाग जाने की फिराक में थे। उसी दौरान क्राइम ब्रांच और लाइनपार पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। आरती का प्रेमी गौरव उसकी बुआ की ननद का बेटा है। दोनों के काफी समय से संबंध थे।
पुलिस ने दिलीप की हत्या में उसकी पत्नी आरती और उसके प्रेमी गौरव पुत्र रामशंकर निवासी रामपुरा कुर्रा मैनपुरी को दबोच लिया। दोनों रेलवे बुकिंग खिड़की पर खड़े थे। पुलिस की मानें तो दोनों कहीं भाग जाने की फिराक में थे। उसी दौरान क्राइम ब्रांच और लाइनपार पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। आरती का प्रेमी गौरव उसकी बुआ की ननद का बेटा है। दोनों के काफी समय से संबंध थे।
निशान देही पर चाकू मिला
फिरोजाबाद। पुलिस ने ने दोनों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद किया। पहले तो चाकू को लेकर दोनों पुलिस को इधर-उधर घुमाते रहे। काफी देर के बाद उन्होंने चाकू बरामद करा दिया। दिलीप के भाई ललित कुमार पुत्र रामप्रकाश ने हत्या के मामले में राजू, पवन, हरिओम पुत्र माता प्रसाद निवासी पीपल वाली गली नई बस्ती, डब्बू उर्फ दीनदयाल पुत्र त्रिलोकी, गोपाल पुत्र अशोक मिश्रा निवासी बेलमपुर इकदिल इटावा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। विदित हो कि इनसे दिलीप के परिवार की पहले से रंजिश है। दिलीप हत्याकांड का खुलासा करने में एसओ संजय सिंह, प्रभारी निरीक्षक क्राइम ब्रांच प्रवींद्र सिंह, सिपाही प्रदीप कुमार, शिव प्रकाश और प्रेमा देवी ने अहम भूमिका निभाई। सर्विलांस टीम ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई।
फिरोजाबाद। पुलिस ने ने दोनों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद किया। पहले तो चाकू को लेकर दोनों पुलिस को इधर-उधर घुमाते रहे। काफी देर के बाद उन्होंने चाकू बरामद करा दिया। दिलीप के भाई ललित कुमार पुत्र रामप्रकाश ने हत्या के मामले में राजू, पवन, हरिओम पुत्र माता प्रसाद निवासी पीपल वाली गली नई बस्ती, डब्बू उर्फ दीनदयाल पुत्र त्रिलोकी, गोपाल पुत्र अशोक मिश्रा निवासी बेलमपुर इकदिल इटावा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। विदित हो कि इनसे दिलीप के परिवार की पहले से रंजिश है। दिलीप हत्याकांड का खुलासा करने में एसओ संजय सिंह, प्रभारी निरीक्षक क्राइम ब्रांच प्रवींद्र सिंह, सिपाही प्रदीप कुमार, शिव प्रकाश और प्रेमा देवी ने अहम भूमिका निभाई। सर्विलांस टीम ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई।
पत्नी ने बनाई थी पति को रास्ते से हटाने की योजना
एसएसपी सचिंद्र पटेल ने बताया दिलीप की पत्नी के उसके ही रिश्तेदार युवक से संबंध थे। इसकी जानकारी दिलीप हो हो चुकी थी। इसी बात को लेकर उनमें अकसर कहासुनी होती रहती थी। इसे लेकर पत्नी ने पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। पत्नी ने फोन कर गौरव को बुलवाया। रात को गौरव ने फोन कर दिलीप को बुलाया। उसके जाते ही पत्नी भी चली गई थी। उसके बाद दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।
एसएसपी सचिंद्र पटेल ने बताया दिलीप की पत्नी के उसके ही रिश्तेदार युवक से संबंध थे। इसकी जानकारी दिलीप हो हो चुकी थी। इसी बात को लेकर उनमें अकसर कहासुनी होती रहती थी। इसे लेकर पत्नी ने पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। पत्नी ने फोन कर गौरव को बुलवाया। रात को गौरव ने फोन कर दिलीप को बुलाया। उसके जाते ही पत्नी भी चली गई थी। उसके बाद दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।