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विश्व दृष्टि दिवस 2017 विशेष: रक्त संबंधियों में न करें विवाह, भविष्य में बच्चों को सता सकती है आंखों की गंभीर बीमारी

locationफिरोजाबादPublished: Oct 12, 2017 03:07:27 pm

Submitted by:

suchita mishra

विश्व दृष्टि दिवस 2017 विशेषज्ञ ने बताए आंखों को स्वस्थ रखने के तरीके।

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फिरोजाबाद। आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इस खूबसूरत दुनिया को देखने के लिए इन आंखों का सही सलामत होना बेहद जरूरी है। इसके लिए इनकी देखभाल करना बेहद जरूरी है। आज विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर हमने बात की जिले के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ एस के पवार से और जाने आंखों को स्वस्थ रखने के उपाय।
रक्त संबंधियों से न करें विवाह
आजकल कम्प्यूटर और मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से ड्राई आई सिण्ड्रोम की समस्या पैदा हो रही है। इसलिए जरूरी है कि काम के दौरान हर आधे घंटे बाद करीब 10 मिनट आंखों को विश्राम जरूर दें और थोड़ी देर दूर देखने की कोशिश करें। पलकों को जल्दी-जल्दी झपकाने की कोशिश करें। रक्त संबंधियों से विवाह न करें। इससे जन्मगत दोषों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है और भविष्य में संतानों को रतौंधी, रंगवर्णान्धता, रैटिनाइटिस पिगमैन्टोसा, एनआइरिडिया, आइरिस कोलोबोमा, हाई मायोपिया आदि आंखों की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। नजर कम होने पर, धुंधला दिखने पर कुशल नेत्र परीक्षक से ही चश्मे की जांच कराएं। गलत नंबर का चश्मा पहनने से आंखों में भैंगापन हो सकता है। चश्मे को साफ और खरोंच मुक्त रखें।
मोतियाबिंद होने पर समय से कराएं आॅपरेशन
मोतियाबिंद होने पर समय से आंखों का आॅपरेशन अवश्य करा लें अन्यथा काला पानी होने का खतरा बढ़ जाता है। सोने से पहले आंखों को जरूर धोएं, इससे पूरे दिन में एकत्रित धूल और गंदगी साफ हो जाएगी। किसी भी दूसरे व्यक्ति की तौलिया, रूमाल और चश्मे का प्रयोग न करें, इससे संक्रमण हो सकता है। साथ ही वातावरण को साफ सुथरा रखें क्योंकि मक्खियां भी संक्रमण की वाहक हैं। काजल या सुरमे का उपयोग करने से बचें। इसमें कार्बन के कण होते हैं। जिसकी वजह से कोर्नियां में खरोंच आ सकती है। कई बार लैक्राइमल डक्ट में रूकावट होने से नासूर भी हो सकता है।
आंखों को धूल, धुएं और तेज प्रकाश से बचाएं
आंखों को धूल, धुएं और तेज प्रकाश से बचाएं। मधुमेह और उच्च रक्तचाप नेत्र दृष्टि को क्षति पहुंचा सकते हैं, अंधापन भी ला सकते हैं। उन्हें नियंत्रण में रखें। आंखों की जांच समय-समय पर कराते रहें। सभी जहरीले ड्रग्स, शराब और तंबाकू आंखों के लिए हानिकारक हैं। ड्राइविंग और अन्य औद्योगिक कार्य जैसे बढ़ईगीरी, बैल्डिंग करते समय सुरक्षात्मक चश्मे का प्रयोग करें जिससे आखों उनके कण न जाएं। आंखों में कोई बाहरी चीज गिर जाने या चोट लगने पर इसे इमरजेंसी समझें और तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। दीपावली पर आतिशबाजी बच्चों को न करने दें, यदि करें तो बडों की देखरेख में ही करें।
पत्तेदार सब्जियों का करें प्रयोग
खाना पकातेे समय सोडे का उपयोग न करें, इससे विटामिन नष्ट होता है। खाने में हरे पत्तेदार और मौसमी फलों का सेवन करें इससे विटामिन ए की कमी नहीं होगी। पढ़ते समय पुस्तक की दूरी आंखों से डेढ फुट की दूरी पर रखें और 45 से 70 डिग्री के कोड पर झुकाकर रखें। लेटकर व चलती बस या ट्रेन या कम रोशनी में न पढें। समस्या होने पर स्वयं डॉक्टर न बनें, न ही किसी नीम हकीम की दवा का प्रयोग करें। विशेषज्ञ से परामर्श करें।
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