परेशान थे किसान
क्षेत्रीय किसान अभी तक आवारा गोवंश से ही परेशान था लेकिन अब उनके सामने जंगली पशु भी परेशानी बढ़ा रहे हैं। जंगली पशु आए दिन किसानों पर हमलाकर उन्हें घायल कर रहे हैं। रविवार रात में गांव टीकरी में एक महिला और एक व्यक्ति को पशुओं ने घायल कर दिया। पशु रात के समय झुंड के रूप में बाहर निकलते हैं। विशेषकर आलू की फसल को रौंदकर उसमें से आलू निकाल कर खा जाते हैं। उस समय किसान यदि उन्हें भगाने का प्रयास करता है तो उसके ऊपर हमला करने से भी ये नहीं चूकते हैं। क्षेत्र में अब तक एक दर्जन किसान पशुओं के हमले में भी घायल हो चुके हैं।
क्षेत्रीय किसान अभी तक आवारा गोवंश से ही परेशान था लेकिन अब उनके सामने जंगली पशु भी परेशानी बढ़ा रहे हैं। जंगली पशु आए दिन किसानों पर हमलाकर उन्हें घायल कर रहे हैं। रविवार रात में गांव टीकरी में एक महिला और एक व्यक्ति को पशुओं ने घायल कर दिया। पशु रात के समय झुंड के रूप में बाहर निकलते हैं। विशेषकर आलू की फसल को रौंदकर उसमें से आलू निकाल कर खा जाते हैं। उस समय किसान यदि उन्हें भगाने का प्रयास करता है तो उसके ऊपर हमला करने से भी ये नहीं चूकते हैं। क्षेत्र में अब तक एक दर्जन किसान पशुओं के हमले में भी घायल हो चुके हैं।
महिला को घर में घुसकर किया घायल
जंगली पशु घरों में घुसकर लोगों को काटकर घायल कर रहे हैं। गांव टीकरी निवासी ब्रजदेवी पत्नी चंद्रपाल अपने घर में बैठी थी। इसी दौरान जंगली पशु आया और उस पर हमला कर दिया। पशु उसके हाथ के एक अंगूठे को काटकर खा गया। वहीं महिला के गले में भी उसने दांत गड़ा दिए। इससे महिला घायल हो गयी।
जंगली पशु घरों में घुसकर लोगों को काटकर घायल कर रहे हैं। गांव टीकरी निवासी ब्रजदेवी पत्नी चंद्रपाल अपने घर में बैठी थी। इसी दौरान जंगली पशु आया और उस पर हमला कर दिया। पशु उसके हाथ के एक अंगूठे को काटकर खा गया। वहीं महिला के गले में भी उसने दांत गड़ा दिए। इससे महिला घायल हो गयी।
गाय व भैंस को काटकर किया घायल
जंगली पशु किसानों के साथ-साथ पालतू पशुओं पर भी हमलाकर उन्हें घायल कर रहे हैं। गांव टीकरी निवासी कैलाशचंद की भैंस व गाय भी पशुओं के हमले से घायल हो चुके हैं। किसानों ने जंगली पशुओं को पकड़कर कहीं बाहर भेजने की मांग वन विभाग से की है। किसानों का कहना है कि पशुओं का आतंक इतना है कि वे अपने खेतों की रखवाली भी नहीं कर सकते हैं। रात में जब भी खेत पर जाते हैं उन्हें इन जंगली पशुओं का भय सताता है।
जंगली पशु किसानों के साथ-साथ पालतू पशुओं पर भी हमलाकर उन्हें घायल कर रहे हैं। गांव टीकरी निवासी कैलाशचंद की भैंस व गाय भी पशुओं के हमले से घायल हो चुके हैं। किसानों ने जंगली पशुओं को पकड़कर कहीं बाहर भेजने की मांग वन विभाग से की है। किसानों का कहना है कि पशुओं का आतंक इतना है कि वे अपने खेतों की रखवाली भी नहीं कर सकते हैं। रात में जब भी खेत पर जाते हैं उन्हें इन जंगली पशुओं का भय सताता है।