दरअसल, पुलिस ने चूड़ी मजदूर यूनियन के नेता रामदास मानव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद से ही श्रमिक भड़के हुए थे। मजदूरों का कहना है कि एक माह से वह हड़ताल कर रहे हैं। उनके घरों में चूल्हे बुझे पड़े हैं। भुखमरी की कगार पर आ गए हैं और उनके नेताओं को पुलिस जेल भेज रही है। यह कहां का न्याय है। सुबह काफी संख्या में महिला श्रमिक एकजुट होकर शहर विधायक मनीष असीजा के आवास पर पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी।
मामले की जानकारी होने पर सीओ सिटी संजय वर्मा समेत कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। मार्ग में केवल महिलाएं और बच्चे ही नजर आ रहे थे। महिलाओं के आरोप को सुनकर विधायक गरम हो गए और उन्होंने मजदूरों का साथ देते हुए अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने डीएम को अवगत कराया लेकिन उन्होंने मजदूरों के घर पहुंचकर उनकी स्थिति देखने की जहमत नहीं उठाई। एक माह से मजदूरों के घरों में चूल्हे नहीं जले हैं। ऐसे में मजदूर कुछ भी कदम उठा सकते हैं। अधिकारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं।
श्रमिक विधायक के घर के सामने धरने पर बैठ गए। उनके साथ में विधायक भी धरने पर बैठ गए। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए श्रमिकों के साथ होने की बात कही। उनकी बात पर श्रमिकों ने जमकर तालियां बजाईं। फिलहाल पुलिस फोर्स श्रमिकों को मनाने में लगा है लेकिन सभी मजदूर वर्ग के लोग गिरफ्तार श्रमिक नेता की रिहाई की मांग कर रहे हैं। मामले को लेकर अभी वार्ता जारी है।