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ये बोले लोग
शहर के प्रभूदयाल शर्मा कहते हैं कि पहले मोटरसाइकिल नहीं थीं। साइकिल भी कुछ ही लोगों पर हुआ करती थीं। जब लोग बीमार नहीं पड़ते थे। इसके पीछे भी एक वजह थी कि या तो लोग पैदल आते—जाते थे और या फिर साइकिल द्वारा। दोनों ही तरह से शरीर का व्यायाम हो जाता था। साइकिल चलाने में शरीर के सभी पुर्जे मूवमेंट करते हैं। इसकी वजह से किसी भी अंग को जंग नहीं लगती या ये कहें कि शरीर का कोई भी अंग खराब नहीं होता। साइकिल चलाने से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता।
ये बोले लोग
शहर के प्रभूदयाल शर्मा कहते हैं कि पहले मोटरसाइकिल नहीं थीं। साइकिल भी कुछ ही लोगों पर हुआ करती थीं। जब लोग बीमार नहीं पड़ते थे। इसके पीछे भी एक वजह थी कि या तो लोग पैदल आते—जाते थे और या फिर साइकिल द्वारा। दोनों ही तरह से शरीर का व्यायाम हो जाता था। साइकिल चलाने में शरीर के सभी पुर्जे मूवमेंट करते हैं। इसकी वजह से किसी भी अंग को जंग नहीं लगती या ये कहें कि शरीर का कोई भी अंग खराब नहीं होता। साइकिल चलाने से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता।
साइकिल घुमाओ पर्यावरण बचाओ
65 वर्षीय रामरतन कहते हैं कि पर्यावरण बचाने का सबसे अच्छा तरीका है साइकिल घुमाओ और पर्यावरण बचाओ। व्यक्ति को अधिक से अधिक कोशिश करनी चाहिए कि वह साइकिल से आवागमन करे। समीप की दूरियों के लिए साइकिल का प्रयोग करे। यदि प्रत्येक व्यक्ति ऐसा करेगा तो निश्चित ही वायुमंडल को प्रदूषण से मुक्त रखने में अपना योगदान दे सकेंगे।
65 वर्षीय रामरतन कहते हैं कि पर्यावरण बचाने का सबसे अच्छा तरीका है साइकिल घुमाओ और पर्यावरण बचाओ। व्यक्ति को अधिक से अधिक कोशिश करनी चाहिए कि वह साइकिल से आवागमन करे। समीप की दूरियों के लिए साइकिल का प्रयोग करे। यदि प्रत्येक व्यक्ति ऐसा करेगा तो निश्चित ही वायुमंडल को प्रदूषण से मुक्त रखने में अपना योगदान दे सकेंगे।
टहलते हैं साइकिल से
अधिवक्ता ज्ञानेन्द्र कुमार उपाध्याय कहते हैं कि वह सुबह उठते ही साइकिल से टहलने के लिए आते हैं। सारा दिन घर के छोटे—छोटे काम वह साइकिल से ही निपटाते हैं। पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कदम उठाना चाहिए। आज विश्व साइकिल दिवस पर प्रत्येक व्यक्ति यह निर्णय ले कि वह आस—पास के कार्यो के लिए साइकिल का प्रयोग करे जिससे पर्यावरण के साथ ही वह स्वयं भी फिठ रह सके।
अधिवक्ता ज्ञानेन्द्र कुमार उपाध्याय कहते हैं कि वह सुबह उठते ही साइकिल से टहलने के लिए आते हैं। सारा दिन घर के छोटे—छोटे काम वह साइकिल से ही निपटाते हैं। पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कदम उठाना चाहिए। आज विश्व साइकिल दिवस पर प्रत्येक व्यक्ति यह निर्णय ले कि वह आस—पास के कार्यो के लिए साइकिल का प्रयोग करे जिससे पर्यावरण के साथ ही वह स्वयं भी फिठ रह सके।