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गरीब बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए इस सीडीओ ने उठाया ये कदम, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

locationफिरोजाबादPublished: Sep 16, 2018 09:58:51 am

— सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा बनाने के लिए डीएम ने कसे अधिकारियों के पेंच।

Dm Neha Sharma

Dm Neha Sharma

फिरोजाबाद। योगी सरकार में शिक्षक मनमानी कर रहे हैं। कहीं शिक्षक समय से विद्यालय नहीं पहुंच रहे तो कहीं शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है। शिक्षा को गुणवत्ता पूर्वक बनाने के लिए डीएम नेहा शर्मा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है कि शिक्षकों की मनमानी नहीं चलेगी।

स्कूलों में समय बिताएं अधिकारी
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने विकास भवन सभागार में बेसिक शिक्षा केे कार्यो की समीक्षा बैठक ली। डीएम ने बीएसए अरविन्द कुमार पाठक सहित सभी खण्ड शिक्षा अधिकारीयों एवं एबीआरसी को निर्देश दियें कि स्कूलों की चेकिंग बढ़ाएं और समय से स्कूल न पहुंचने वाले शिक्षकों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि विद्यालय की चेकिंग के दौरान उसमें शिक्षा गुणवत्ता का स्तर, मूलभूत सुविधायें एवं मिड-डे मील की भी गुणवत्ता देखें। उन्होंने बताया कि आरबीएसके टीम के द्वारा भी इन बिंदुओं की समीक्षा किये जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
साफ—सफाई को करें प्रेरित
उन्होंने कहा कि बच्चों को साफ सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने एवं इन आदतों को व्यवहार में लाने वाली गतिविधियों को प्रेरित किये जाने के निर्देश दिए। जिसमें भोजन के पूर्व एवं शौच के बाद हाथों को साबुन से धुलना शामिल हैं। उन्होंने बताया की स्वच्छ भारत मिशन से अगले माह तक बच्चों को स्वच्छता किट भी उपलब्ध करायी जायेगी। यह पूरी तरह से बारकोटेड की जायगी जिससे पूर्ती और वितरण पर निगरानी रखी जा सके। जिलाधिकारी ने सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दियें कि जिन विद्यालयों में अक्रियाशील शौचालय हैं। उन्हें 2 अक्टूबर से पूर्व पूर्ण करा लें।
समय से पहुंचाएं पुस्तकें
डीएम ने निर्देश दिये कि जूता वितरण कार्य को पूरी तत्परता से पूर्ण करायें एवं खराब निकले जूते बदलवाने के लिए कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। सभी विद्यालयों में जो भी कमियां हैं उन्हें सूचीबद्ध करते हुए नए शासनादेश के अनुसार प्रस्ताव शासन को प्रेषित कराये जाने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए। पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति एवं नामांकन की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जो पाठ्य पुस्तकें अभी तक अप्राप्त हैं उनकी मांग प्रेषित की जाए। फर्नीचर आपूर्ति में संस्था द्वारा धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने सम्बंधित को तलब करते हुए फर्नीचर आपूर्ति समय से सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए। स्वच्छता और पोषण की भावना विकसित किये जाने के उद्देश्य से उन्होंने शैक्षिक सुपोषण गोष्ठी आयोजित करने एवं विद्यालय स्तर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित कराये जाने के निर्देश दिए।
एक बच्चे की शिक्षा पूरी कराएंगे अधिकारी
मुख्य विकास अधिकारी नेहा जैन ने प्रेरित किया कि सभी अध्यापक और एबीआरसी अपने विद्यालय के एक एक बच्चे को चयनित करते हुए उसकी शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी लें और उसे सूचीबद्ध करके उन्हें उपलब्ध करायें जिससे भावनात्मक जुड़ाव के साथ साथ एक परिवर्तन देखने का मौका मिलेगा तथा सभी बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में सुधार आएगा। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा भी नेहा नाम की एक लड़की, जो कि चरागाह का भ्रमण करने के दौरान उन्हें मिली थी और स्कूल नहीं जा सकती थी, को शिक्षा के लिए प्रेरित करते हुए पढाई शुरू कराई गयी हैं। उन्होंने उस बच्ची के साथ उन्होंने फोटो भी लगा रखी है और एक भावनात्मक जुड़ाव महसूस होता है और समय समय पर वह उसकी पढाई में प्रगति के विषय में जानकारी भी लेती हैं। उन्होंने सभी को इस प्रकार जो बच्चे पढाई करने में अक्षम हैं, को प्रेरित करने एवं उसमे मदद करने केलिए भी प्रोत्साहित किया। इस मौके पर जिला विद्यालय निरीक्षक रितु गोयल, बीएसए अरविन्द कुमार पाठक सहित सभी एबीएसए और एबीआरसी मौजूद रहे।

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