32 नहीं 48 टीमें लेगी भाग-
वर्ष 2026 का फीफा टूर्नामेंट पहला विश्वकप होगा जिसमें मौजूदा 32 टीमों के प्रारूप की जगह 48 टीमों को उतारा जाएगा। फीफा कांग्रेस के सामने सभी दावेदारों को मॉस्को एक्सपोसेंटर में 15-15 मिनट की प्रस्तुति देने के लिये कहा गया था। उत्तरी अमेरिकी देशों ने साथ ही दावा किया कि उनकी मेजबानी में विश्वकप में 11 अरब डॉलर का फायदा होगा जबकि मोरक्को ने पांच अरब डॉलर तक की कमाई का ही वादा किया।
पहली बार तीन देश मिलकर करेंगे मेजबानी-
यह पहला मौका है जब तीन देशों की मेजबानी में संयुक्त रूप से फुटबाल विश्वकप का आयोजन किया जाएगा। विश्वकप के अधिकतर मैच हालांकि अमेरिका में होंगे। टूर्नामेंट में कुल 80 मैच खेले जाएंगे जिसमें से 10 कनाडा, 10 मैक्सिको और 60 मैच अमेरिका में होंगे। विश्वकप का फाइनल न्यूजर्सी के मैटलाइफ स्टेडियम में होगा।
1994 में अमरीका कर चुका है आयोजन-
अमरीकी फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष कार्लोस कोर्डिएरो ने कहा कि हम फीफा का शुक्रिया अदा करते हैं जिसने 2026 विश्वकप की मेजबानी के लिये हमारे ऊपर विश्वास जताया। फुटबाल की ही इसमें जीत हुई है। अमरीका ने इससे पहले 1994 में फुटबाल विश्वकप की मेजबानी की थी जबकि मैक्सिको में 1970 और 1986 में विश्वकप खेला गया है। कनाडा ने हालांकि पुरूष विश्वकप की मेजबानी नहीं की है लेकिन 2015 में उसकी मेजबानी में महिला फुटबाल विश्वकप आयोजित हुआ था।
मेजबानी लेने से चूक गया मोरक्को-
मोरक्को हालांकि पांचवीं बार विश्वकप की मेजबानी से चूक गया है। आखिरी बार फीफा ने वर्ष 2010 में विश्वकप की मेजबानी के अधिकारों का वितरण किया था और उस समय पुरानी कार्यकारी समिति ने रूस को 2018 और कतर को 2022 की मेजबानी के लिये चुना था। हालांकि इस कार्यकारी समिति के अधिकतर सदस्यों को बाद में बैन कर दिया गया था क्योंकि फीफा के इन अधिकारियों में कई सदस्यों को वर्ष 2015 में भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया था।