फुटबॉल

एएफसी एशियन कप : कोच कांस्‍टेस्‍टाइन की टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर एक नजर

बलू टाइगर्स नाम से मशहूर भारतीय टीम चौथी बार और आठ साल के अंतराल के बाद एएफसी एशियन कप में हिस्सा ले रही है।

Jan 04, 2019 / 06:50 pm

Mazkoor

एएफसी एशियन कप : कोच कांस्‍टेस्‍टाइन की टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर एक नजर

दुबई : मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन की देखरेख में भारतीय फुटबाल टीम पांच जनवरी से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शुरू हो रहे एएफसी एशियन कप में खेलने के लिए तैयार है। बलू टाइगर्स नाम से मशहूर भारतीय टीम चौथी बार और आठ साल के अंतराल के बाद एएफसी एशियन कप में हिस्सा ले रही है। भारत ने किर्गिज गणराज्य, म्यांमार और मकाऊ के साथ हुए क्वालिफाइंग टूर्नामेंट के जरिये 24 टीमों की इस टूर्नामेंट में स्थान सुरक्षित किया है। भारत को ग्रुप-ए में बहरीन, थाईलैंड और मेजबान यूएई के साथ रखा गया है। भारतीय टीम अपना पहला मैच छह जनवरी को अबू धाबी में थाईलैंड के खिलाफ खेलेगी।
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने इस टूर्नामेंट के लिए 23 खिलाड़ियों को चुना है। इन 23 खिलाड़ियों में से 22 इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में खेलते हैं, जबकि एक खिलाड़ी आई-लीग क्लब के लिए खेलता है।
लगातार 13 मैच जीत कर बनाया मुख्‍य ड्रा में स्‍थान
कांस्टेनटाइन के मार्गदर्शन में भारतीय टीम फीफा रैंकिंग में 170वें स्थान से टाप-100 में पहुंच गई है। साल 2015 के एशियन के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाने के बाद भारत ने एशियन कप क्वालिफाईंग के लिए स्थान सुरक्षित किया है। इस दौरान भारत ने लगातार 13 मैच जीते। अब जबकि भारतीय टीम एशियन कप के लिए तैयार है, आइए भारतीय टीम के सदस्यों पर एक नजर डालते हैं।
गोलकीपर :
1. गुरप्रीत सिंह संधू

क्लब- बेंगलूरु एफसी, उम्र-26
साल 2017 में नॉर्वे के क्लब स्टाबेक से हीरो इंडियन सुपर लीग (आइएसएल) का रुख करने के बाद के गुरप्रीत ने क्लब स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। गुरप्रीत की लंबाई और अहम मौकों पर सटीक फैसला लेने का गुण उन्हें एक अच्छा गोलकीपर बनाता है।
आईएसएल के दो सीजन में गुरप्रीत ने 30 मैच खेले हैं और सिर्फ 25 गोल खाए हैं। इस दौरान उन्होंने 76 गोल बचाए हैं। वह भारत के लिए 29 मैच खेल चुके हैं।
2. अमरिंदर सिंह
क्लब- मुम्बई सिटी एफसी, उम्र-25 साल
अमरिंदर ने अपने फुटबाल करियर की शुरुआत एक स्ट्राइकर के तौर पर की थी, लेकिन कोच ने उनकी गोलकीपिंग क्षमताओं को पहचाना। पंजाब में जन्मे अमरिंदर आइएसएल में मुम्बई सिटी एफसी के लिए खेलते हैं और इससे पहले, पुणे एफसी, एटीके और बेंगलूरु एफसी के लिए खेल चुके हैं।
3. विशाल कैथ
क्लब-पुणे सिटी, उम्र-22
विशाल कैथ ने एफसी पुणे सिटी के लिए खेलते हुए अपनी प्रतिभा को साबित किया है। कैथ ने आइएसएल करियर में 21 मैचों में सात क्लीनशीट हासिल किया है। वह 2018 के सैफ चैम्पियनशिप के लिए भारत के पसंदीदा गोलकीपर थे। वह सभी चार मैचों में खेले थे और दो क्लीनशीट हासिल की थी।
डिफेंडर :
1. प्रीतम कोटाल

क्लब-एटीके , पोजिशन-राइट बैक, उम्र-25
टाटा फुटबाल अकादमी (टीएफए) से निकले कोटाल ने बीते तीन साल में खुद को भारत के अग्रणी राइट बैक के रूप में स्थापित किया है। पश्चिम बंगाल निवासी कोटाल इससे पहले मोहन बागान, एफसी पुणे सिटी, दिल्ली डायनामोज और एटीके के लिए खेल चुके हैं। कोटाल डिफेंस में लेफ्ट साइड को भी सुरक्षित रखने की काबिलियत रखते हैं।
2. सार्थक गोलुई
क्लब- एफसी पुणे सिटी, पोजिशन-राइट बैक, उम्र -21
राइट बैक पोजीशन पर खेलने वाले सार्थक को बिना रुके और बिना थके भागते रहने के लिए जाना जाता है। वह एक ऐसे पावरहाउस हैं, जो अटैक में भी भागीदारी दे सकते हैं और अग्रिम पंक्ति के अपने साथियों की मदद के लिए आगे आ सकते हैं। आइएसएल के बीते दो सीजन से वह पुणे सिटी के लिए खेल रहे हैं और 21 मैचों में क्लब के लिए उनके नाम एक गोल और चार एसिस्ट हैं।
3. संदेश झिंगन
क्लब-केरला ब्लास्टर्स, पोजिशन- सेंटर/राइट बैक, उम्र -25
चंडीगढ़ में जन्मे संदेश झिंगन हाल के वर्षो में देश तथा क्लब के लिए लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। अब तक आइएसएल में वह केरल के लिए ही खेले हैं। वह क्लब के लिए 70 मैच खेल चुके हैं और इस दौरान चार एसिस्ट किए हैं। संदेश शारीरिक रूप से मजबूत लम्बे कद के डिफेंडर हैं और काफी अग्रेसिव तथा नो-नानसेंस अप्रोच रखते हैं। वह राइट बैक में भी खेल सकते हैं और इसी कारण वह भारतीय टीम के लिए काफी उपयोगी हैं।
4. अनस एडाथोडिका
क्लब-केरला ब्लास्टर्स, पोजिशन- सेंटर बैक, उम्र-31
केरल में फुटबाल के गढ़ माने जाने वाले मालापुरम के निवासी अनस को 2007 में पहली बार मुम्बई एफसी ने ब्रेक दिया था। साल 2015 में वह आइएसएल की टीम दिल्ली डायनामोज के साथ जुड़े। साल 2017 में वह प्लेयर ड्राफ्ट के तहत जमशेदपुर एफसी द्वारा चुने गए लिगन 2018-19 सीजन में वह अपने घर केरल का रुख करने में सफल रहे। अनस ने आइएसएल में कुल 37 मैच खेले हैं और एक गोल किया है। भारत के लिए अनस ने 15 मैच खेले हैं। संदेश झिंगन के साथ अच्छा तालमेल होने के कारण कोच स्टीफेन कांस्टेनटाइन ने उन्हें सेंटर बैक के तौर पर टीम में शामिल किया है।
5. सलाम रंजन सिंह
क्लब- ईस्ट बंगाल, पोजिशन- सेंटर बैक, उम्र -23
मणिपुर में जन्मे सलाम रंजन सिंह पुणे एफसी अकादमी की पैदावार हैं। आई-लीग के 2013-14 सीजन में उन्होंने पदार्पण किया। तीन साल वह पुणे के लिए खेले, जिसमें एक साल बेंगलूरु एफसी के साथ लोन पर आधारित टेन्योर शामिल है। अभी वह ईस्ट बंगाल के लिए खेल रहे हैं और राष्ट्रीय टीम में शामिल आई-लीग के एकमात्र खिलाड़ी हैं।
6. सुभाशीष बोस
क्लब- मुम्बई सिटी एफसी, पोजिशन- लेफ्ट/सेंटर बैक, उम्र- 23
सुभाशीष बोस पुणे एफसी यूथ अकादमी के उत्पाद हैं। साल 2016 में बोस ने आई-लीग में स्पोर्टिग क्लब दे गोवा के लिए खेलते हुए पेशेवर करियर का आगाज किया था। यह युवा खिलाड़ी मोहन बागान और बेंगलूरु एफसी के लिए खेल चुका है और अभी मुंबई सिटी एफसी के लिए खेल रहा है। कोलकाता में जन्मे बोस जरूरत पड़ने पर सेंटर बैक भी खेल सकते हैं, लेकिन स्वाभाविक तौर पर वह लेफ्ट-बैक पोजिशन पर बेहतर खेलते हैं।
7. नारायण दास
क्लब-दिल्ली डायनामोज, पोजिशन-लेफ्ट बैक, उम्र -25 साल
नारायण पश्चिम बंगाल निवासी हैं और टाटा फुटबाल अकादमी से निकले हैं। बाएं पैर के डिफेंडर ने अपने पेशेवर करियर के दौरान पेलियान एरोज, ईस्ट बंगाल, डेम्पो, एफसी पुणे सिटी और एएफसी गोवा जैसे प्रमुख क्लबों को सेवाएं देने के बाद दिल्ली का रुख किया। साल 2013 में वह पहली बार भारत के लिए खेले।
मिड फील्डर
1.उदांता सिंह
क्लब- बेंगलूरु एफसी, पोजिशन-राइट विंग, उम्र-22 साल
उदांता भी टाटा फुटबाल अकादमी से निकले हैं। वह स्पीडी विंगर हैं और काफी कलात्मक हैं। मणिपुर में जन्मे उदांता साल 2014 में बेंगलूरु एफसी में शामिल हुए और तब से लेकर आज तक वह इस क्लब के अहम सदस्य बने हुए हैं। इस सीजन आइएसएल में धीमी शुरुआत के बाद इस विंगर ने तीन गोल किए हैं।
2. रोवलिन बोर्गेस
क्लब-नार्थईस्ट युनाइटेड एफसी, पोजिशन- सेंट्रल/डिफेंसिव मिडफील्डर, उम्र -26
स्पोर्टिंग क्लब दे गोवा के लिए खेलते हुए बोर्गेस ने अपनी चमक दिखाई और देश के टाप डिफेंसिव मिड फील्डर्स में से एक बनकर उभरे। स्पोर्टिग के लिए पांच सीजन खेलने के बाद गोवा निवासी बोर्गेस ने 2016 में नार्थईस्ट युनाइटेड एफसी का रुख किया और इस क्लब के अहम सदस्य बन गए। बोर्गेस एशियन कप क्‍वालिफिकेशन अभियान में भारत के अहम किरदार थे और मकाऊ पर मिली जीत में गोल भी किया था। आइएसएल में वह इस सीजन अब तक 12 मैचे में दो गोल और दो एसिस्ट दे चुक हैं।
3.अनिरुद्ध थापा
क्लब-चेन्नइयन एफसी, पोजिशन-सेंट्रल मिडफील्डर, उम्र- 20 साल
देहरादून में जन्मे अनिरुद्ध थापा 2016 में चेन्नइयन एफसी के लिए खेलते हुए भारतीय फुटबाल में आए। बाद में वह लोन पर मिनर्वा पंजाब के लिए भी खेले, लेकिन फिर चेन्नई लौटकर इस टीम के अहम सदस्य बन गए। उनका विजन और पासिंग रेंज उन्हें भारत का ट्रम्प कार्ड बनाता है। वह भारत के लिए अटैकिंग मिडफील्डर के तौर पर भी खेल सकते हैं। वह आइएसएल में 29 मैचों में दो गोल और तीन एसिस्ट दे चुके हैं। वह भारत के लिए 13 मैच खेले हैं।
4. विनीत राय
क्लब- दिल्ली डायनामोज, पोजिशन-सेंट्रल मिडफील्डर, उम्र-21 साल
असम में जन्मे विनीत देश के सबसे अच्छे मिडफील्डरों में से एक हैं। आइएसएल में वह पहली बार 2016 में केरल के लिए खेले और फिर दिल्ली का रुख किया। तकनीकी रूप से मजबूत विनीत मिड फील्ड में गेम के टेम्पो को कंट्रोल कर सकते हैं। हाल ही बांग्लादेश में समाप्त 2018 सैफ चैम्पियनशिप में विनीत ने सराहनीय प्रदर्शन किया था।
5. हालीचरण नारजारे
क्लब- केरला ब्लास्टर्स, पोजिशन- लेफ्ट/राइट विंगर, उम्र – 24 साल
नारजारे एक प्रतिभाशाली विंगर हैं, जो दोनों फ्लैंक से बराबर क्षमता के साथ खेल सकते हैं। इस खिलाड़ी ने अपना पेशेवर करियर इंडियन एरोज के साथ 2014 में शुरू किया था और बाद में एफसी गोवा से जुड़ गए। साल 2015 में वह गोवा से नार्थईस्ट युनाइटेड एफसी गए और फिर तीन सीजन तक इस क्लब के लिए खेले। अभी वह केरल के साथ हैं और आइएसएल में कुल 43 मैच खेल चुके हैं। उनके नाम पांच गोल और एक एसिस्ट है। साल 2015 में वह पहली बार भारत के लिए खेले और 23 मैचों में एक गोल कर चुके हैं।
6.आशिक कुरुनियन
क्लब-एफसी पुणे सिटी, पोजिशन-विंगर, उम्र-22 साल
कुरिनियन भारतीय टीम में शामिल उन चुनिंदा खिलाड़ी में से एक हैं, जो यूरोप में विलारियल क्लब की सी टीम के साथ प्रशिक्षण हासिल कर चुके हैं। इसके बाद से 22 वर्षीय इस खिलाड़ी ने खुद को भारतीय राष्ट्रीय टीम के प्रमुख चेहरे के रूप में स्थापित किया है। 2018 में वह चीनी ताइपे के खिलाफ इंटरकांटिनेंटल कप में भारत के लिए पहली बार खेले।
7. जर्मनप्रीत सिंह
क्लब : चेन्नइयन एफसी, पोजिशन : मिडफील्डर, उम्र : 22
जर्मनप्रीत सिंह टाटा फुटबाल अकादमी से निकले हैं। 2017-18 सत्र में चेन्नइयन की तरफ से खेलते हुए वह चमके और जॉन ग्रेगोरी की टीम का अहम हिस्सा बन गए, जिसने ट्रॉफी अपने नाम की। यह मिडफील्डर अपनी पासिंग क्षमता से चीजों को सामान्य रखता है और हमेशा मेहनत के लिए तैयार रहता है। वह विपक्षी टीम के खिलाड़ियों के बीच के गैप को आसानी से भांपते हैं। भारत के लिए उन्होंने तीन मैच खेले हैं।
8. जैकीचंद सिंह
क्लब : एफसी गोवा, पोजीशन : विंगर, उम्र : 26 साल
जैकीचंद आई-लीग में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली रॉयल वाहिंगदोह की टीम का अहम हिस्सा थे। इसके बाद मणिपुर में जन्मा यह खिलाड़ी कई क्लबों में खेला और इस समय एफसी गोवा में है। सर्जियो लोबेरा के मार्गदर्शन में यह खिलाड़ी अपने आप में लगातार सुधार कर रहा है। उनके नाम इस सीजन में दो गोल और इतने ही एसिस्ट हैं।
यह विंगर स्टीफन कांस्टेनटाइन की टीम का 2015 से अहम हिस्सा हैं। वह यूएई में अपनी शानदार फॉर्म को जारी रखना चाहेंगे।
9. प्रणॉय हल्दर
क्लब : एटीके, पोजिशन : सेंट्रल डिफेंसिव मिडफील्डर, उम्र : 25
मिड फील्डर प्रणॉय हल्दर ने हालिया वर्षों में भारतीय टीम में मिड फील्ड को अपने जिम्मे उठा लिया है। उनकी फुटबॉल को लेकर एप्रोच की कई फुटबाल पंडितों ने तारीफ की है। एफसी गोवा और मुंबई सिटी से खेलने के बाद प्रणॉय एटीके पहुंचे वह 2018-19 सीजन में स्टीव कोपेल की आक्रामक मिड फील्ड का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने अनिरुद्ध थापा के साथ मिलकर मजबूत साझेदारी बनाई है। एशियन कप में विपक्षी टीम के अटैक को तोड़ने में वह अहम भूमिका निभाएंगे। भारत के लिए उन्होंने 11 मैच खेले हैं जिसमें से एक में गोल किया है।
फॉरवर्ड:
1. सुनील छेत्री
क्लब : बेंगलुरु एफसी, पोजिशन : सेंटर फॉरवर्ड, उम्र : 34
राष्ट्रीय टीम के चमकदार खिलाड़ी छेत्री को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। वह टीम की लंबे समय से सेवा कर रहे हैं। छेत्री ने भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल किए हैं। वह किसी भी पल विपक्षी टीम को छकाने का माद्दा रखते हैं। छेत्री उम्र के साथ और बेहतर होते जा रहे और एक पूर्ण सेंटर फॉरवर्ड खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। दिल्ली में पैदा होने वाले इस खिलाड़ी ने कोलकाता के दोनों दिग्गज क्लबों से खेला है। साथ ही वह स्पोर्टिंग लिस्बन बी और मेजर लीग सॉकर (एमएलएस) के लिए खेल चुके हैं। इसके बाद उन्होंने बेंगलूरु का रुख किया।
2. जेजे लालपेखलुआ
क्लब : चेन्नइयन एफसी, पोजीशन : स्ट्राइकर, उम्र : 27
जेजे अपने मूव को शानदार तरीके से अंजाम तक पहुंचाने में माहिर हैं। वह गोल के सामने स्कोर करने को लेकर माहिर हैं। पुणे एफसी के साथ शुरुआत करने वाले मिजोरम में पैदा हुआ यह स्ट्राइकर अपनी प्रतिबद्धता और जुनून के लिए जाना जाता है। वह 2014 में चेन्नइयन के साथ आए और तभी से आइएसएल के सभी सीजन चेन्नइयन के साथ खेले।
3. सुमित पस्सी
क्लब : जमशेदपुर एफसी, पोजीशन : सेंटर फॉरवर्ड, उम्र : 24
चंडीगढ़ फुटबाल अकादमी से निकलने वाले सुमित ने राष्ट्रीय टीम के लिए पहला मैच 2016 में एशियन कप क्वालिफायर मैचों में खेला था। इसके बाद वह जमशेदपुर पहुंचे और आइएसएल के इस सीजन में दो गोल कर चुके हैं। वह मेहनती सेंटर फॉरवर्ड खिलाड़ी हैं। वह अपने खेल को रोकना, उसमें तेजी लाना और अच्छे मूव करना जानते हैं।
4.बलवंत सिंह
क्लब : एटीके, पोजिशन : सेंटर फॉरवर्ड, लेफ्ट विंग
होशियारपुर में पैदा होने वाला यह खिलाड़ी विपक्षी टीम के लिए बहुत बड़ा खतरा है। जेसीटी से निकल कर आने वाला यह खिलाड़ी कई बड़े क्लबों के लिए खेल चुका है। इनमें सालगावकर,चर्चिल ब्रदर्स और मोहन बागान के नाम शामिल हैं।
भारत के लिए पदार्पण करने के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा, लेकिन बलवंत को जब मौका मिला, उन्होंने उसे भुनाया और अपने पहले मैच में मॉरीशस के खिलाफ गोल किए। इसके बाद से उनके खेल में सुधार आता गया और अब वह कांस्टेनटाइन की टीम का अहम हिस्सा हैं।

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