हर मामले में बरता जाता है भेदभाव
खिलाड़ियों ने आरोप पत्र में कहा है कि पुरुष टीम के खिलाड़ियों की तुलना में उन्हें कम पैसा मिलता है। इसके साथ ही महासंघ उनके लिए पर कम मैचों के आयोजन कराता है। फिजिकल ट्रेनिंग और कोचिंग की गुणवत्ता तथा परिवहन प्रबंधन में भी भेदभाव करता है।
रकम में इतने का है अंतर
आरोप पत्र के अनुसार राष्ट्रीय महिला टीम और राष्ट्रीय पुरुष टीम के वेतन में काफी अंतर है। शिकायत पत्र के अनुसार, अगर दोनों टीमें हर साल 20 मैच खेल कर सभी जीतती है तो उसे अधिकतम 99,000 डॉलर की रकम मिलेगी, जबकि इतने ही के लिए पुरुष टीम को 263,320 डॉलर मिलेगा।
पहले भी लगा चुकी हैं आरोप
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा, जब महिला टीम ने यूएसएसएफ पर इस तरह के आरोप लगाए हैं। 2016 में भी 5 महिला खिलाड़ियों ने समान रोजगार अवसर समिति (ईईओसी) में भी वेतन में असमानता का आरोप लगाया था। पांच शिकायतों में से पूर्व गोलकीपर होप सोलो ने बीते साल अगस्त में यूएसएसएफ के खिलाफ लैंगिंक असमानता की याचिका दाखिल की थी। इस बार जो 28 खिलाड़ियों ने शिकायत दर्ज कराई है। उनमें कार्ली ल्योड, मेगन रापिनोए और एलेक्स मोर्गन जैसी बड़ी खिलाड़ियों के नाम भी शामिल हैं।
सबसे सफल टीम है अमरीकी महिला टीम
बता दें कि अमरीकी महिला टीम को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल की सबसे सफल टीमों में से एक माना जाता है। इस टीम की झोली में अब तक महिला विश्व कप समेत चार ओलम्पिक स्वर्ण पदक, आठ कॉनकाकेफ स्वर्ण पदक और 10 अल्गार्वे कप आ चुके हैं। यह टीम इस साल फ्रांस में होने वाले महिला विश्व कप में अपना खिताब बचाने की तैयारी में लगी है। इस टीम ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महासंघ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया है।