कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अर्जेंटीना की सरकार जल्द मेसी की तस्वीर देश की करेंसी पर छपवाने वाली है। अगर ऐसा होता है तो मेसी अपने देश की करेंसी में छपने वाले पहले खिलाड़ी बन जाएंगे। अर्जेटीना सरकार में वित्तीय मामले को देखने वाला मंत्रालय वर्ल्ड कप में मिली कामयाबी को देखते हुए इसपर विचार कर रहा है।
फ़ाइनल मुक़ाबले में गत चैम्पियन फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर अर्जेटीना ने इतिहास रच दिया। इसी एक साथ मेसी की टीम ने फीफा वर्ल्ड कप से यूरोप का दबदबा भी खत्म कर दिया। पिछले 16 सालों से लगातार फीफा का खिताब यूरोपियाई देश की जीतते आ रहे थे। 2002 में आखिरी बार दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील चैंपियन बना था। उसके बाद से 2006 में इटली, 2010 में स्पेन, 2014 में जर्मनी और 2018 में फ्रांस ने वर्ल्ड कप जीता था। हर साल ब्राजील और अर्जेंटीना शानदार प्रदर्शन कर खिताब के प्रबल दावेदारों में शामिल रहे। लेकिन इस दौरान वे वर्ल्ड कप नहीं जीत पाये। लेकिन इस साल अर्जेंटीना ने यह कर दिखाया और यूरोपियन दबदबे को खत्म कर दिया।
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टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ऐसा माना जा रहा था कि इस साल ब्राजील यह खिताब उठा सकती है। ब्राज़ील 1958, 1962, 1970, 1994 और 2022, पांच बार वर्ल्ड कप जीत चुका है। लेकिन इस बार उन्हें क्वार्टर फाइनल में क्रोएशिया के हाथों मुंह की खानी पड़ी और टूर्नामेंट से बाहर हो गई। ब्राजील और अर्जेंटीना के अलावा उरुग्वे तीसरा दक्षिण अमेरिकी देश है, जिसने फीफा विश्व कप जीता है। फीफा विश्वकप का पहला विजेता भी उरुग्वे 1930 में बना था। वहीं 1950 में दूसरी बार ब्राजील को 2-1 से हराकर एक बड़ा उलटफेर किया था।
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