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प्रवासी श्रमिकों से व्यवहार, शराब से लेकर एलजीबीटी… आखिर कतर फीफा वर्ल्ड कप में क्यों गहरा रहे विवाद

locationनई दिल्लीPublished: Nov 23, 2022 01:35:11 pm

Submitted by:

lokesh verma

FIFA World Cup 2022 : पहली बार किसी खाड़ी देश में फुटबॉल के विश्व कप के आयोजन के साथ ही लगातार विवाद भी गहरा रहे हैं। चाहे वह महिलाओं के पहनावे से लेकर शराब पर प्रतिबंध, एलजीबीटी+ विवाद या फिर प्रवासी श्रमिकों के साथ व्यवहार का मामला हो। इस बहुप्रतीक्षित फीफा वर्ल्ड कप को अब विवादों के विश्व कप के रूप में देखा जा रहा है। अब टूर्नामेंट के कतर में आयोजन के फैसले पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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प्रवासी श्रमिकों से व्यवहार, शराब से लेकर एलजीबीटी… आखिर कतर फीफा वर्ल्ड कप में क्यों गहरा रहे विवाद।

Controversies in fifa world cup 2022 : 2022 के फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी कतर कर रहा है। यह पहली बार है जब किसी खाड़ी देश में फुटबॉल के विश्व कप का आयोजन किया जा रहा है। विवादों की शुरुआत भी यहीं से होती है, क्योंकि फुटबॉल के प्रशंसकों को नियमों में बंधकर मैच देखने की आदत नहीं है, जिस तरह से कतर ने लगाए हैं। महिलाओं के पहनावे पर प्रतिबंध, शराब पर बैन, एलजीबीटी+ विवाद, प्रवासी श्रमिकों के साथ व्यवहार और अब हिजाब विवाद एक के बाद एक विवाद कतर फीफा वर्ल्ड कप में गहरा रहा है। इसलिए इस बहुप्रतीक्षित फीफा वर्ल्ड कप को अब विवादों के विश्व कप के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही अब टूर्नामेंट आयोजित करने के फैसले पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। आइये आपको बताते हैं कि ये विवाद क्यों चर्चा का विषय बने हुए हैं।
प्रवासी मजदूरों से दुर्व्यवहार

मानवाधिकार संगठन प्रवासी मजदूरों के साथ होने वाले व्यवहार को लेकर कतर पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर आलोचना कर रहे हैं। कतर में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ जिस तरह दुव्यवहार हो रहा है, वह लगातार सवालों के घेरे में है। बता दें कि एमनेस्टी, रियलिटी चेक 2021 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014 में श्रम सुधारों के बाद भी वेतन रोकने और नौकरी बदलने को लेकर श्रमिकों पर केस करने जैसी चीजें अभी भी हो रही हैं। जबकि कतर की सरकार बेहतर श्रम कानून के दावे के साथ आरोपों का खंडन कर रही है। वहीं, एमनेस्टी और अन्य संगठनों ने फीफा से प्रवासी श्रमिकों को कुचलने के बदले फीफा से 440 मिलियन डॉलर देने को कहा है। इसके साथ ही जर्मनी समेत 10 यूरोपीय देशों के फुटबॉल संघों ने भी कतर में प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों में सुधार पर जोर दिया है।

एलजीबीटी+ विवाद

मुस्लिम देश कतर में समलैंगिकता को गलत और अवैध माना जाता है। एलजीबीटी+ समुदाय से आने वाले कुछ खिलाड़ियों ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की है। इतना ही नहीं कई खिलाड़ियों के साथ उनकी टीम ने तो वन लव बैंड पहनकर खेलने तक की घोषणा कर दी थी। वहीं, कतर का कहना है कि विश्व कप में सभी का स्वागत है, चाहे कोई किसी भी समुदाय से क्यों न हो। लेकिन, इस आश्वासन के बावजूद समलैंगिक समुदाय में असुरक्षा के भाव देखने को मिले।

शराब पर प्रतिबंध

कतर में अल्कोहल पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जबकि फुटबॉल मैच के बीच अन्य देशों में शराब और बीयर पीना आम बात है। कतर में बीयर पीने की भी अनुमति नहीं है। हालांकि शर्तों के साथ शराब पीने की अनुमति है, वह सिर्फ कुछ चुनिंदा स्थानों पर। टूर्नामेंट के मुख्य अधिकारी नासिर अल खातेर ने बताया कि शराब पीने वाले दर्शकों के लिए अलग से एक जगह बनाई गई है, ताकि वे अन्य फैंस के लिए मुसीबत न बनें।

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मैच पर हिजाब विवाद का साया

ईरान की टीम का सोमवार को इंग्लैंड से मैच हुआ था। जिसमें ईरान का राष्ट्रगान बजाया गया, राष्ट्रगान गाने की बजाय ईरान के खिलाड़ी खामोश नजर आए। इसका कारण ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन बताया गया। बताया जा रहा है कि चुप रहकर ईरानी खिलाड़ियों ने हिजाब विरोधी प्रदर्शन का समर्थन किया। हालांकि इससे पहले खिलाड़ियों ने हिजाब विरोधी प्रदर्शन के समर्थन को लेकर कुछ नहीं कहा था।

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