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भारत और पाकिस्तान के बीच शांति मैच कराना चाहता है एफएफपी

फुटबाल मैच फॉर पीस के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच शांति मैच कराना चाहता है एफएफपी, कहा भारत तथा पाकिस्तान के बीच मैच कराना कोई कठिन काम नहीं।

Feb 27, 2018 / 04:17 pm

Siddharth Rai

football for peace want peace match between India and Pakistan
नई दिल्ली। फुटबाल मैच फॉर पीस के माध्यम से ब्रिटेन और अफगानिस्तान में एकजुटता का संदेश प्रसारित करने के बाद फुटबाल फॉर पीस (एफएफपी) के सह-संस्थापक कासिफ सिद्दीकी अब एक पीस मैच के माध्यम से भारत तथा पाकिस्तान के समुदायों को भी साथ लाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। मुम्बई में एफएफपी का इंडिया चैम्पटर लांच करने के बाद कासिफ ने कहा, “हम फुटबाल के माध्यम से समुदायों और देशों को एक प्लेटफार्म पर लाना चाहते हैं और यही हमारे चैरिटी का मिशन है। हम चाहते हैं कि फुटबाल ऐसा माहौल तैयार करे जहां राजनीति को संघर्ष करना पड़े। फ्यूचर पीस मैच के आयोजन के लिए हमारे सीईओ भारत तथा पाकिस्तान के फुटबाल महासंघों से सम्पर्क मे हैं। यह पीस मैच वैश्विक स्तर पर फुटबाल डिप्लोमेसी की ताकत को दर्शाएगा। साल 2015 में हमने ब्रिटेन और अफगानिस्तान को एकजुट किया था और इन दोनों देशें की टीमों ने संयुक्त राष्ट्र दूतों के साथ एक मैच खेला था।”
भारत तथा पाकिस्तान के बीच पीस मैच कराना कोई कठिन काम नहीं
एफएफपी को युनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट ऑफ पीस तथा इंग्लिश प्रीमियर लीग का समर्थन प्राप्त है और इस लिहाज से उसके लिए भारत तथा पाकिस्तान के बीच पीस मैच कराना कोई कठिन काम नहीं। ऐसा नहीं है कि कासिफ पहली बार इस तरह का प्रयास कर रहे हैं। साल 2016 में एफएफपी ने अपने दूतों और ब्राजील के दिग्गज फुटबाल खिलाड़ी रोनाल्डीन्हो को केरल भेजा था, जहां एक उसका पायलट प्रोजेक्ट लांच किया गया था। इससे महिला सशक्तिकरण को लेकर जागरुकता फैलाने में मदद मिली थी। इसके अलावा एफएफपी ने महिलाओं को शैक्षणिक किट प्रदान किए थे।
दिग्गज खिलाड़ी रोनाल्डीन्हो हैं एम्बेसेडर
कासिफ ने कहा, “वह अविश्वसनीय अनुभव था। रोनाल्डीन्हो और हमारी टीम के हवाई अड्डे पर पहुंचने के साथ ही सैकड़ों लोग हमारी अगवानी में आ गए थे। केरल में फुटबाल के इतने सारे प्रशंसकों को देखकर हम गद्गद थे। हम इसके बारे में जानते थे लेकिन हमने इस तरह का नजारा कभी देखना नहीं था। हमने यहां एक पायलट प्रोग्राम शुरू किया और अपने एम्बेसेडर रोनाल्डीन्हो को वहां लेकर गए। हमने महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करने के लिए स्कूली लड़कियों के साथ मिलकर काम किया।” भूतपूर्व फुटबाल खिलाड़ी कासिफ का करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उनका करियर चोटों के प्रभावित रहा है। वह आर्सेनल एफसी और मिडिलसेक्स काउंटी के साथ इंग्लिश प्रोफेशनल लीग सिस्टम में बड़े हुए। साल 2013 में वह उन पांच ब्रिटिश दक्षिण एशियाई खिलाड़ियों में शामिल थे, जिनका चयन इंग्लिश प्रोफेशनल लीग क्लबप नॉर्थेम्पटन एफसी के लिए हुआ। वह अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में फुटबाल खेलने के अलावा अमेरिका में फुटबाल स्कॉलरशिप पाने वाले पहले ब्रिटिश दक्षिण एशियाई हैं।
फुटबॉल फॉर पीस एक राजनयिक फुटबॉल आंदोलन है
हालांकि उनकी उपलब्धियां प्रेरणादायक हो सकती हैं, लेकिन सिद्दीकी के लिए यह एक आसान रास्ता नहीं है। 2005 में, उन्हें बड़ी चोट लगी, जो लगभग अपने छोटे करियर का अंत डालती, हालांकि, वह लड़े और पूरी फिटनेस हासिल करने में कामयाब रहे। दुर्भाग्य से, 2010 में गलत तरीके से निदान के बाद सिद्दीकी को 18 महीने के लिए फिर से मैदान से बाहर होना पड़ा। गलत निदान के कारण उन्हें कई जटिलताओं का सामना करना पड़ा, जिसने उनके अंतरराष्ट्रीय और क्लब कैरियर पर बुरा प्रभाव डाला। कासिफ ने कहा, “हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जो कभी इतना जुड़ा नहीं हुआ है और फिर भी शायद ही कभी इतना विभाजित महसूस किया है। विभिन्न संस्कृतियों, रीति-रिवाजों और विश्वासों से डरने से गलतफहमी और अलगाव बढ़ गया है, जिससे समुदायों को बेदखल कर दिया गया है।” कासिफ ने आगे कहा, “फुटबॉल फॉर पीस एक राजनयिक फुटबॉल आंदोलन है, जो लोगों को एक साथ लाता है और इस ‘सुंदर खेल’ के माध्यम से अच्छी समझ बनाता है। हमारे पास दुनिया भर के विभिन्न शहरों में परियोजनाएं हैं, जो सांस्कृतिक अंतर की बाधाओं को तोड़ने और अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले लोगों को एकजुट करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। फुटबॉल के माध्यम से हम भावी पीढ़ियों को सहिष्णुता, समावेश और समानता के महत्व पर शिक्षित करते हैं।”
भारत में अपनी योजना के बारे में बात करते हुए कासिफ ने यह कहते हुए अपनी बातों का अंत किया, यह योजना अगले तीन सालों में 10 शहरों में शांति कार्यक्रम के लिए हमारे कार्यक्रम को ले जाएगी। यह मैच एक आइकोनिक लोकेशन पर खेला जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य लोगों की मौजूदगी में शांति का संदेश देने का प्रयास किया जाएगा।”

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