भारत ने किया था सीधे क्वालीफाई
साल 1950 में होने वाला ये विश्वकप इस लिए भी खास था क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के चलते 1938 के बाद से फीफा विश्व कप का आयोजन नहीं हो सका और फीफा ने 1950 में फुटबॉल के इस महाकुंभ की वापसी कराई। दूसरे विश्व युद्ध के कारण फीफा को 1938, 1942 और 1946 विश्व को रद करना पड़ा था। इस विश्वकप में भारत ने सीधे क्वालीफाई किया था। लेकिन उन्हें खेलने नहीं दिया गया कारण था भारत के पास मैच खेलने के लिए जूते नहीं थे। सिर्फ जूते ना होने कि वजह से भारत विश्वकप में डेब्यू करने से रह गया। इसके बाद से भारत आज तक कभी विश्व कप में क्वालीफाई नहीं कर पाया।
फीफा ने किया था पहले ही आगाह
इतना ही नहीं ओलंपिक खेलों में भी भारतीय खिलाड़ी नंगे पैर दौड़ते थे। 1948 के ओलंपिक खेलों में भारतीय धावकों ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस ओलिंपिक में कई खिलाड़ी नंगे पैर या मोजे पहन कर खेलते हुए नजर आए थे। फीफा ने ओलिंपिक में भारतीय खिलाडियों को ऐसा करते देख पहले ही आगाह कर दिया था के अगर फीफा में खेलना हैं तो जूते पेहेन के खेलना पड़ेगा। एशिया से कोई एक ही टीम चुनी जानी थी और फिलीपींस, इंडोनेशिया और बर्मा ने क्वालीफिकेशन राउंड के पहले ही अपना नाम वापस ले लिया था। इस तरह भारत को एशिया महाद्वीप की तरफ से एकमात्र टीम के रूप में फीफा खेलने का मौका मिला था।