स्पोर्ट्स साइंस के इस्तेमाल से बेहतर हुए नतीजे
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआइएफएफ) ने गिगी जार्ज के हवाले बताया कि पिछले कुछ सालों में खिलाड़ियों की फिटनेस बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि आप जेजे लालपेखलुआ का उदाहरण ले सकते हैं। वह 2012 में भारत के लिए पहला मैच खेले थे तब से लेकर अब तक उन्होंने खुद को शारीरिक रूप से काफी बेहतर किया है। गिगी ने कहा कि वह इसके लिए एआइएफएफ को भी धन्यवाद देना चाहेंगे, जिन्होंने फिजियोथेरेपी के नए उपकरण टीम को मुहैया कराए। इसके अलावा डैनी डिएगन और जोल कार्टर का भी योगदान हैं। उनकी ओर से लाए गए स्पोर्ट्स साइंस के नए-नए तरीके से भी प्लेयर्स की फिटनेस बेहतर करने में मदद मिली।
प्लेयर्स को जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाती है
मेडिकल टीम के सदस्य डॉ शेर्विन शेरिफ ने कहा कि हर दिन का कार्यक्रम पहले ही तय कर लिया जाता है। सुबह की शुरुआत स्क्रीनिंग से साथ होती है। स्क्रीनिंग परिणामों के आधार पर, खिलाड़ियों की उनकी आवश्यकताओं के अनुसार जांच की जाती है। प्रशिक्षण सत्रों के दौरान हम प्रत्येक खिलाड़ी को ट्रैक करते हैं और उसके अनुसार कार्यवाही करते हैं।
सोमवार को है ग्रुप चरण का अंतिम मुकाबला
बता दें कि भारत सोमवार को बहरीन के खिलाफ एशियन कप के ग्रुप स्तर में अपना आखिरी मैच खेलना है। यह भारत के लिए करो या मरो का मैच बन गया है। अगर भारत को बिना किंतु-परंतु के दूसरे चरण में जाना है तो उसे यह मैच जीतना ही होगा।