भारतीय टीम ऐसे पहुंच सकती है फाइनल में
भारत को अगर फाइनल में पहुंचना है तो उसे सीरिया जैसी मजबूत टीम को कम से कम छह गोल के अंतर से हराना होगा। इसके बाद यह उम्मीद करनी होगी कि तजाकिस्तान अपने अगले मैच में उत्तर कोरिया से हार जाए। जबकि सीरिया के पास भी फाइनल में पहुंचने का मौका है। वह अगर भारत को अच्छे गोल अंतर से हराती है तभी वह फाइनल में पहुंच सकती है, लेकिन अगर तजाकिस्तान को उत्तर कोरिया के हाथों मात मिलती है तो सीरिया सीधे फाइनल में पहुंच जाएगी। ऐसा समीकरण इसलिए बना है कि सीरिया अप्रत्याशित रूप से तजाकिस्तान से हार गई थी।
मेजबान टीम के मुख्य कोच इगोर स्टीमाक ने इस टूर्नामेंट में भी कई प्रयोग किए हैं, लेकिन उनका जादू नहीं चल रहा है। उनके प्रयोगों से टीम को नुकसान ही पहुंचा है। पहले दो मैचों में कोच ने अलग-अलग खिलाड़ियों को मौका दिया, लेकिन दोनों मैचों में भारत को बुरी हार झेलनी पड़ी।
डिफेंस बनी हुई है समस्या
भारत की सबसे बड़ी समस्या उसका डिफेंस है। थाईलैंड में हुए किंग्स कप में डिफेंस में शानदार प्रदर्शन करने वाले आदिल खान इस प्रतियोगिता में अब तक विफल रहे हैं। अनुभवी संदेश झिंगन भी पिछले मैच में चोटिल हो गए थे। इसलिए रक्षण में मेजबान टीम की मुश्किलें और बढ़ गई है।
अनिरुद्ध थापा की हो सकती है वापसी
फीफा रैकिंग में 85वें पायदान पर काबिज सीरिया के खिलाफ युवा मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा की वापसी हो सकती है। पिछले मैच में वह नहीं खेले थे। इस कारण मिडफील्ड में भी झोल दिखा था। इसके अलावा अनुभवी डिफेंडर अनस इडाथेडिका को भी मौका मिल सकता है। पिछले मैच में गोलकीपर अमरिंदर सिंह का प्रदर्शन भी बेहद निराशाजनक रहा था। इसलिए उम्मीद है कि सीरिया के खिलाफ गुरप्रीत सिंह संधू के वापसी हो सकती है। फॉरवर्ड और कप्तान सुनील छेत्री ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उम्मीद है कि वह तीसरे मैच में गोल करने का क्रम रखेंगे।
इस साल एएफसी एशियन कप में सीरिया की टीम केवल एक अंक हासिल कर सकी थी। सीरिया के खिलाफ भारत का प्रदर्शन अब तक प्रभावशाली रहा है। इन दोनों के बीच अब तक पांच मुकाबले हुए हैं। इनमें भारत को तीन में जीत और दो में हार मिली है। लेकिन मौजूदा फॉर्म और रैंकिंग के हिसाब से सीरिया का पलड़ा भारी लगता है। भारत अभी फीफा रैंकिंग में सीरिया से 16 स्थान पीछे 101वें स्थान पर है।
भारतीय टीम :
गोलकीपर : गुरप्रीत सिंह संधू, अमरिंदर सिंह और कमलजीत सिंह।
डिफेंडर : प्रीतम कोटाल, राहुल भीके, संदेश झिंगन, आदिल खान, अनस इडाथोडिका, नरेंद्र गहलोत, सुभाशीष बोस और जैरी लालरिनजुआला।
मिडफील्डर : उदांता सिंह, ब्रेंडन फर्नाडिस, अनिरुद्ध थापा, प्रणॉय हल्दर, रोवलिन बोर्जेस, विनित राय, साहल अब्दुल, अमरजीत सिंह, लालरिनजुआला चांग्ते और मंडार राव देसाई।
फॉरवर्ड : जॉबी जस्टिन, सुनील छेत्री, फारुख चौधरी और मनवीर सिंह।