भारतीय टीम के कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन पहले ही कह चुके हैं कि वह इस टूर्नामेंट को एएफसी एशियन कप की तैयारियों के रूप में देख रहे हैं। कांस्टेनटाइन ने कहा, “हम इस टूर्नामेंट के जरिए एएफसी
एशिया कप की तैयारी करेंगे। मैं केन्या और न्यूजीलैंड की टीमों के खिलाड़ियों की क्षमता से भलिभांति परिचित हूं। ये खिलाड़ी यूरोप के क्लबों के लिए खेलते हैं। हम इन मैचों का इस्तेमाल अपने खेलों में सुधार के लिए करेंगे। केन्या और न्यूजीलैंड की टीमें हमारे लिए परेशानियां खड़ी करेंगी और हमें अपने खेल में विकास के लिए इनका सामना करने की जरूरत है। शारीरिक रूप से हम तैयार हैं। हालांकि, हमें रणनीतिक तौर पर तैयार होने की जरूरत है।”
केन्या के खिलाफ मेजबान टीम के अटैक का दारोमदार कप्तान सुनील छेत्री पर होगा। पहले मैच में शानदार हैट्रिक लगाने के बाद उनसे भारतीय प्रशंसकों की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। उदांता सिंह एवं जेजे लालपेख्लुआ पर भी सबकी नजरें होंगी। उदांता सिंह ने पहले मैच में एक कलात्मक गोल दागा था जबकि जेजे ने भी छेत्री को महत्वपूर्ण पास दिए थे और विपक्षी टीम की डिफेंस पर लगातार दबाव बनाया था।
ताइपे के खिलाफ गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू और टीम की डिफेंस को कुछ खास मेहनत नहीं करनी पड़ी थी लेकिन केन्या के अटैक के सामने उनकी अग्निपरीक्षा होगी। टीम : गोलकीपर : गुरप्रीत सिंह संधू, विशाल कैथ, अमरिंदर सिंह, संजीबन घोष।
डिफेंडर : लालरुथारा, दविंदर सिंह, प्रीतम कोटाल, अनस एडाथोडिका, संदेश झिंगन, सलाम रंजन सिंह, जैरी लारिनजुआला, नारायण दास, सुभाशीष बोस। मिडफील्डर : उदांता सिंह, लालदानमविया राल्ते, सिमिनलेन डोंगल, धनपाल गणेश, सौविक चक्रवर्ती, मोहम्मद रफीक, रोवेलिन बोर्गेस, प्रणॉय हल्दर, अनिरुद्ध थापा, विकास जायरू, होलीचरण नारजरी।
फारवर्ड : सुनील छेत्री, बलवंत सिंह, जेजे लालपेख्लुआ, मानवीर सिंह, एलन देओरी, असीक कुरुनीयन।