पहले हाफ में नहीं मिली किसी को सफलता –
पहला हाफ दोनों टीमों के लिए अच्छा रहा। दोनों ने गोल के प्रयास किए। यह अलग बात है कि सफलता किसी को नहीं मिली। मेजबान टीम ने इस हाफ में जहां अच्छी शुरुआत की वहीं मुम्बई ने धीरे-धीरे लय पकड़ी और गेंद पर कब्जा बनाए रखते हुए कुछ अच्छे हमले किए। इस हाफ का सबसे अच्छा मौका चेन्नई के लिए जूड नोरू ने 37वें मिनट में बनाया लेकिन उनका शॉट पोस्ट से टकराकर लौट आया। मुम्बई ने कुछ अच्छे मूव बनाए लेकिन उसका हाथ भी खाली रहा। दोनों टीमो के गोलकीपरों ने अपने हाथ आए मौके को भुनाते हुए अच्छे बचाव किए और अपने कोचों को मुस्कुराने का मौका दिया। कुल मिलाकर साफ-सुथरा खेल हुआ और सिर्फ दो पीले कार्ड दिखाए गए। पहला मुम्बई के जाकीर मुम्डामपारा और मिला और दूसरा मुम्बई के ही लियो कोस्टा को मिला।
65 मिनट में हुआ मैच का एकमात्र गोल –
दूसरे हाफ की शुरुआत धीमी रही। एक तरफ जहां चेन्नई को तालिका में दूसरे स्थान पर जाने के लिए गोल की तलाश थी वहीं मुम्बई को भी छठे स्थान पर पहुंचने के लिए जीत की दरकार थी। इसी को देखते हुए एलेक्सजेंडर गुइमारेस ने 61वें मिनट में दो बदलाव किए। इसी मिनट में चेन्नई ने भी एक बदलाव किया। मेजबान टीम को जल्द ही खुशी मनाने का मौका मिल गया। 64वें मिनट में अरिंदम ने गाविलान के प्रयास को नाकाम किया लेकिन अगले ही पल मेहराजुद्दीन वादू ने बॉक्स के साइड में कप्तान जेमी गावियान को गिरा दिया। रेफरी ने बिना देरी किए पेनाल्टी दे दिया। इस पर गोल करते हुए रेने मिहेलिक ने चेन्नई को 1-0 से आगे कर दिया।
रेफरी के फैसले से नाखुश दिखें मुंबई के खिलाड़ी –
अरिंदम ने इस पेनाल्टी को बचाने के लिए अच्छा प्रयास किया और गेंद तक अपनी पहुंच भी बनाई लेकिन उनकी अंगुलियों को छूते हुए पोस्ट में घुस गई। मिहेलिक को 70वें मिनट में आराम दिया गया। मिहेलिक की मदद से चेन्नई ने इस सीजन में घर में अपना 15वां गोल किया। 2014 में उसने 16 और 2015 में 17 गोल किए थे। 78वें मिनट में वादू बाहर गए और सेहनाज सिंह ने उनका स्थान लिया। सेहनाज को आते ही 83वें मिनट में पीला कार्ड मिला। इंजुरी टाइम के अंतिम मिनट में रेफरी ने लियो को ऑफसाइड करार दिया। लियो और इमाना ने एक बेहतरीन मूव बनाया, जिस पर बलवंत ने गोल कर दिया लेकिन लियो के ऑफसाइड करार दिए जाने के कारण मुम्बई को निराश मिली। मुम्बई की टीम रेफरी के इस फैसले से काफी नाराज दिखी।