चेन्नयन एफसी के कोच जान ग्रेगोरी ने बीते दो मैचों से विनिंग काम्बीनेशन के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है, लेकिन वह दो बार के चैंपियन को अपने घर में रोकने के लिए रणनीति में कुछ बदलाव कर सकते हैं। ग्रेगोरी ने प्री-मैच प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “लोग कहते हैं कि कभी भी जीत रही टीम में बदलाव नहीं करना चाहिए, लेकिन कुछ एरिया में सुधार के लिए आपको ऐसा करना पड़ता है। बीते मैचों में हमने गोल नहीं खाया है, लेकिन हमने अंतिम 10 मिनट में तीन गोल किए हैं। इससे साबित होता है कि मेरे लड़के अंतिम सीटी बजने तक लगातार गोल करने के प्रयास में लगे रहते हैं। एफसी गोवा के खिलाफ चेन्नई को शुरुआती 45 मिनट में तीन गोल खाने पड़े थे। उसके स्टार स्ट्राइकर जेजे लालपेखुल्वा अब तक खाता नहीं खोल सके हैं। कोच हालांकि जेजे के फार्म को लेकर चिंतित नहीं हैं। उनका कहना है कि जेजे लगातार मेहनत करते हैं और वह दिन दूर नहीं जब वह अपना खाता खोल लेंगे।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ चेन्नयन एफसी को ही गोल का टोटा है। एटीके का भी यही हाल है। मौजूदा चैंपियन तीन मैचों में सिर्फ एक गोल कर सका है और तो और यह गोल फ्री-किक पर हुआ है। कोच टेडी शेरिंघम को गोल करने की कोई जुगत लगानी होगी, कोई जादू करना होगा। एटीके को आयरिश कप्तान रोबी कीन की कमी खल रही है। कीन चोट के कारण सीजन-4 में अब तक मैदान पर नहीं उतर सके हैं। तो क्या वह चेन्नई के खिलाफ खेलेंगे। कोच ने कहा, “नहीं, वह नहीं खेल रहे हैं।”
शेरिंघम ने कहा, “यह अच्छी शुरुआत नहीं है। यह मौजूदा चैंपियन के लिए ठीक नहीं है। हम पटरी पर लौटने के लिए उपाय कर रहे हैं। हम निश्चित तौर पर अच्छा करेंगे और अपनी मनोदशा सकारात्मक बनाए रखेंगे। शेरिंघम के इस भरोसे के पीछे का कारण है कि एटीके ने इस सीजन में अपने अब तक के दो बाहरी मैचों में केरला ब्लास्टर्स और जमशेदपुर एफसी को बराबरी पर रोका था। इन मैचों में एटीके का खेल बेहतर था।शेरिंघम ने कहा, “अगर यह मुक्केबाजी होती तो हम अंकों के आधार पर जीत गए होते।”