समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, गुलाटी ने कहा कि उन्होंने अधिकतर समय इसी बारे में सोचते हुए और विभिन्न पदों पर नियुक्त लोगों से इस बारे में बात करते हुए गुजारा। उन्होंने कहा कि कई लोगों के मुताबिक, उन्हें इस पद पर बने रहना चाहिए।
गुलाटी ने कहा, हालांकि, अंत में मुझे लगता है कि इस पद से हटना ही मेरे लिए सबसे सही है। यह मेरे लिए और संघ के लिए भी सही होगा। गुलाटी ने कहा कि वह अपने अगले छह माह एक चुनाव जीतने में लगाएंगे। इस चुनाव के जरिए वह 2026 विश्व कप के आयोजन की दावेदारी हासिल करने की कोशिश करेंगे। वर्तमान में गुलाटी यूएसए/कनाडा/मेक्सिको द्वारा संयुक्त रूप से 2026 विश्व कप आयोजन की दावेदारी के लिए बनाई गई समिति के चेयरमैन हैं। फुटबाल की विश्व नियामक संस्था 2026 विश्व कप के मेजबान की घोषणा अगले साल 13 जून को करेगी।
सुनील की फीफा में भी सदस्यता का कार्यकाल खत्म होने जा रहा था। वे चार साल की सदस्यता के लिए वर्ष 2014 में चुने गए थे। पेशे से कोलंबिया यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के लेक्चरर पद पर तैनात गुलाटी इससे पहले भी दो बार अमरीकी फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। इससे पहले 2006 में इस पद पर चुने गए थे, जबकि 2010 में उन्हें दोबारा सभी सदस्यों ने पद पर बने रहने के लिए समर्थन दिया था। गुलाटी को अमरीकी फुटबॉल के अब तक के सबसे सफल प्रशासकों में से एक गिना जाता है और माना जा रहा है कि उनका पद पर नहीं बने रहना अमरीकी फुटबॉल के लिए नुकसानदेह साबित होगा।