इस प्रतियोगिता के जरिए फीफा रेफरियों को उनकी प्रतिभा दिखाने का मौैका भी मिलेगा, ताकि वह करियर में आगे विकास कर सकें। इसके अलावा, फीफा ने सात समर्थक रेफरियों का चयन भी किया है। हालांकि, इस बार इसमें एक नया मोड़ भी आया है। इस बार प्रतियोगिता में महिला रेफरियों को शामिल किया गया है।
पहली बार सात महिलाओं को निर्णायक की भूमिका में उतारकर फीफा समिति ने ये कहा – फीफा की रेफरी समिति के प्रमुख मासिमो बॉसाका ने कहा, “हमारा मानना है कि अब समय आ गया है कि महिला रेफरियों को भी फीफा के पुरुष टूर्नामेंटों में शामिल किया जाए। उन्होंने पिछले साल पुरुष रेफरियों के साथ मिलकर काम किया था और अब हम दोनों को प्रतियोगिता में साथ मिलकर काम करते देखना चाहते हैं।
इन सात महिलाओं को बतौर अम्पायर मैदान में उतरा गया है –
ओके ह्यांग (Korea), ग्लेडिस लेंग्वे (Zambia), कैरोल ऐनी चेनार्ड (Canada), क्लॉडिअ अम्पिएर्रेज (Uruguay), एना -मारिए कइले (New Zealand), कटरीना मंजुल (Ukraine), एस्तेर स्टैबलि (Switzerland)
ओके ह्यांग (Korea), ग्लेडिस लेंग्वे (Zambia), कैरोल ऐनी चेनार्ड (Canada), क्लॉडिअ अम्पिएर्रेज (Uruguay), एना -मारिए कइले (New Zealand), कटरीना मंजुल (Ukraine), एस्तेर स्टैबलि (Switzerland)
रूपा फुटबॉल में कुशल भूमिका निभाती है-
अंतरास्ट्रीय फुटबॉल मैच के दौरान कुशल अम्पायर के भूमिका में रूपा देवी ने अपना अहम् भूमिका निभाया है। अपने इसी कुशलता की वजह से उन्हें AFC अंडर -14 फुटबॉल फेस्टिवल दोहा में आयोजित होने वाले खेल की दौरान 2013 अम्पायर की जिमेवारी दी गयी। इसके अलावा फीफा में भी उन्हें यह जिम्मेदारी दी गयी थी।
अंतरास्ट्रीय फुटबॉल मैच के दौरान कुशल अम्पायर के भूमिका में रूपा देवी ने अपना अहम् भूमिका निभाया है। अपने इसी कुशलता की वजह से उन्हें AFC अंडर -14 फुटबॉल फेस्टिवल दोहा में आयोजित होने वाले खेल की दौरान 2013 अम्पायर की जिमेवारी दी गयी। इसके अलावा फीफा में भी उन्हें यह जिम्मेदारी दी गयी थी।