ईस्ट बंगाल की ओर से हुआ पहला गोल –
बड़ी संख्या में मौजूद दोनों टीमों के समर्थकों को एक रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। दोनों टीमों ने आक्रामक शुरुआत की और मैच में शुरुआती बढ़त बनाने का प्रयास किया। स्ट्राइकर अंशुमान क्रोमाह ने 27वें मिनट में गोल दागकर ईस्ट बंगाल को पहले बढ़त दिलाई। एक गोल से पिछड़ने के बाद बेंगलुरु खेल में गिरावट आई। इसका फायदा ईस्ट बंगाल ने उठाना चाहा।
गलत व्यवहार के लिए दिखाया गया रेड कार्ड –
ईस्ट बंगाल ने गेंद पर नियंत्रण बनान शुरू कर दिया, इसके बावजूद मैच के 39वें मिनट में राहुल भेके ने बेंगलुरू को बराबरी का गोल दिलाया। भेके ने कॉर्नर पर शानदार हेडर मारकर यह गोल किया। पहला हाफ समाप्त होने से कुछ देर पहले (45वें मिनट) ईस्ट बंगाल के समद अली मलिक ने बेंगलुरू के सुभाशीष बोस को मुक्का मारा जिसके कारण उन्हें रेड कार्ड दिया गया और बंगाल की टीम को पूरे मैच में 10 खिलाड़ियों के साथ ही खेलना पड़ा।
दूसरे हाफ में बेंगुलरु ने किए दो गोल –
दूसरे हाफ में बेंगलुरू ने अपना आक्रामक खेल जारी रखा और 10 खिलाड़ियों से खेल रही ईस्ट बंगाल पर लगातार दबाव बनाया। इस दबाव का फायदा बेंगलुरू को 68वें मिनट में मिला। कप्तान सुनील छेत्री ने पेनाल्टी से गोल करके अपनी टीम को 2-1 की बढ़त दिला दी। इसके दो मिनट बाद ही (70वें मिनट) मीकू ने गोल करके बेंगलुरु की बढ़त को 3-1 कर दिया।
सुनील का दूसरा गोल –
मैच के अंतिम क्षणों में सुनील छेत्री ने एक बार फिर अपना जलवा बिखेरा। उन्होंने आखिरी मिनट में हेडर से गोल दागकर 4-1 से बेंगलुरु की जीत सुनिश्चित कर दी। बता दें कि सुपर कप का ये पहला संस्करण था। जिसे जीत कर सुनील छेत्री ने आईएसएल के फाइनल में मिली हार के जख्म पर मरहम लगाया।