स्वीडन विश्व कप के लिए क्वालीफाई
प्लेऑफ के पहले चरण में मिडफील्डर जैकब जोहानसन के गोल ने स्वीडन को 1-0 से जीत दिलाई थी। विश्व कप में पहुंचने के लिए इटली को अपने घर में किसी भी हालत में स्वीडन को कम से कम 2-0 के अंतर से हराना था लेकिन वह कामयाब नहीं हो सकी। इटली की नाकामयाबी का मतलब यह है कि स्वीडन की टीम 2006 के बाद पहली बार विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही है। विश्व कप का आयोजन 2018 में रूस में होना है।
बफन ने लिया सन्यास
स्वीडन के हाथों मात खाने के बाद विश्व कप से बाहर हो चुकी इटली के कप्तान गियानलुकी बफन के हार के साथ संन्यास लेने पर फुटबाल जगत ने उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं और उनको सराहा है। 39 वर्षीय बुफोन का यह अपने देश के लिए 175वां अंतर्राष्ट्रीय मैच था। चार बार की विश्व विजेता इटली क्वालीफाई राउंड में स्वीडन से औसत स्कोर के आधार पर 0-1 से हार कर विश्व कप की दौड़ से बाहर हो गई। बफन ने 1997 में अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल में पदार्पण किया था। वह अपनी शानदार खेल भावना, नेतृत्व क्षमता और बेहतरीन गोलकीपिंग के लिए जाने-जाते थे। उन्होंने इटली के लिए 2006 में विश्व कप जीता था और यूरो-2012 में उपविजेता रही इटली की कप्तानी की थी। 39 साल का यह दिग्गज गोलकीपर अपने करियर का अंत अगले साल होने वाले फीफा विश्व कप में करना चाहता था जो उन्हें छह विश्व कप खेलने वाला पहला खिलाड़ी बना देता, लेकिन इटली को स्टॉकहोल्म में 0-1 से हार मिली थी वहीं सैन सिरो स्टेडियम में खेला गया मैच गोलरहित ड्रॉ रहा था।
पूर्व खिलाड़ियों ने ये कहा
कई पूर्व और मौजूदा फुटबाल खिलाड़ियों, प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर बफन के प्रति सम्मान व्यक्त किया। बफन के लंबे समय से प्रतिद्वंद्वी रहे स्पेन के गोलकीपर इकर कासिलास ने ट्विटर पर बफन की रोते हुए एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है, “मैं आपको इस तरह नहीं देख सकता। मैं आपको पहले की तरह ही देखना चाहता हूं, जो आप हमेशा रहोगे, लीजेंड। आपसे मिलकर गर्व महसूस होता है। कासिलास के हमवतन सर्जियो रामोस ने कहा, “ये पूरा विश्व आपको याद करेगा बफन। आप बहुत बड़े इंसान हो। बहादुर भी। इंग्लैंड के पूर्व स्टार गैरी लिनेकर ने कहा, “बफन आप याद आओगे। महान इंसान। दिग्गज गोलकीपर। उनके खेल को इसका श्रेय जाता है। फ्रांस के फ्रैंक रिबेरी ने कहा, “मुश्किल विपक्षी, महान इंसान और शानदार खिलाड़ी। आपके अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी के करियर को सम्मान। जर्मनी के लुकास पोडोल्स्की ने कहा, “बफन मैदान के अंदर और मैदान के बाहर शानदार इंसान हैं।
बफन ने 79 बार राष्ट्रीय टीम की कप्तानी की है। इस मामले में वह फाबियो कानावारो के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर खड़े हैं।