मेने उनसे कहा तुम्हारा दुप्पटा उठा लो जमीन से घिसा जा रहा है !.वो बोलीदुप्पटा भी अपना फ़र्ज़ निभा रहा है , कोई चूम न ले मेरी कदमो की मिटटी को इसलिए ये निशान मिटा रहा है !!...मैंने कहा- शहाणपना नंतर कर पुढे बघ कुत्रा हागलाय..