कुंडलियो का मिलान कर के,पंडित जी बोले- बधाई हो, कुंडली तो एसे मिली हे,जेसे श्री राम ओर सीताजी की मिली थी |||...इतना सुनते ही लड़की बोली :- माँ, मे इस लड़के से शादी नहीं करूंगी,.मेने तो यूरोप घूमने के सपने देखे हे , वन-वन भटकने के नहीं ||||