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महीनों बाद भी गलत जानकारी दे रहे स्टेशन के कोच डिस्प्ले बोर्ड

locationगाडरवाराPublished: Mar 18, 2020 12:32:24 pm

Submitted by:

arun shrivastava

24 दिसंबर को हुआ था डिस्प्ले बोर्ड का लोकार्पण

महीनों बाद भी गलत जानकारी दे रहे स्टेशन के कोच डिस्प्ले बोर्ड

24 दिसंबर को हुआ था डिस्प्ले बोर्ड का लोकार्पण

गाडरवारा। नगर के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को सुविधा देने हेतु बीते वर्ष कोच डिस्प्ले सिस्टम लगाकर स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म पर कोच डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए थे। जिससे यात्रियों को ट्रेन आने पर उनकी बोगी की जानकारी मिल सके। गत वर्ष 24 दिसंबर को क्षेत्रीय सांसद राव उदयप्रताप सिंह ने उक्त सुविधा का लोकार्पण किया था। लेकिन लोकार्पण के तीन महीने बीतने के बावजूद अब भी अक्सर कोच डिस्प्ले गलत जानकारी दे रहे हैं। इससे यात्रियों की परेशानी कम होने के बजाय पहले से अधिक बढ़ गई है।
गाडरवारा में है दो मिनट का स्टापेज
नगर रुकने वाली लगभग सभी ट्रेनों का स्टापेज मात्र दो मिनट का है। इतने कम समय में गलत जानकारी प्राप्त होने पर यात्रियों को यहां से वहां भागते देखा जाता है। इन दिनों कोरोना की दहशत के चलते लोग जरा सा बीमार होने पर भी गंभीरता बरत रहे हैं। लोग स्थानीय स्तर पर सर्दी जुकाम का उपचार कराने के बाद ठीक न होने पर बाहर भी जा रहे हैं। क्षेत्र के सैकड़ों मरीज रोजाना उपचार हेतु नागपुर आते जाते हैं। इनके लिए अमरावती एक्सप्रेस सबसे अच्छी ट्रेन है। इसी क्रम में सोमवार रात जब नागपुर की ओर जाने वाली अमरावती ट्रेन प्लेटफार्म पर आई तो मरीजों में भगदड़ मच गई। क्योंकि ट्रेन के कोच डिस्प्ले बोर्ड गलत जानकारी दे रहे थे। अपने परिजन को नागपुर ले जा रहे निखिल ने बताया कि वह जहां जहां खड़े थे वहां उनके कोच के बजाय दूसरा कोच आया। ट्रेन में भीड़ एवं बीमारी की आशंका के चलते कोच के भीतर ही भीतर जाने से भी लोग बच रहे हैं। इससे प्लेटफार्म पर लोग अपने कोच की ओर भागते रहे। इसके बाद जैसे ही ट्रेन ने सीटी बजाई तो जिसे जहां जगह मिली वहां चढ़ गया। इस पूरे घटनाक्रम में जनरल कोच से यात्रा करने वाले मरीजों को बहुत परेशानी होने की जानकारी मिली है।
शुरूआत से रही समस्या
नगर के रेलवे स्टेशन पर कोच डिस्प्ले सिस्टम के लोकार्पण के समय से ही उक्त समस्या बनी हुई है। पहले रेल अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेटर न होने से ऐसा हो रहा है, शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार आएगा। लेकिन लोकार्पण हुए लगभग तीन महीने बीतने के बाद भी ऐसा होना विभाग की उदासीनता दर्शाता है। सबसे अधिक परेशानी बीमार एवं वृद्ध लोगों के साथ महिलाओं, बच्चों को होती है। दौड़ लगा रहे लोगों को दुर्घटनाग्रस्त होने एवं परिवार जनों से बिछडऩे का भय भी बना रहता है। इसे देखते हुए लोगों ने रेल अधिकारियों से समस्या के निराकरण की अपेक्षा जताई है।
इनका कहना,,
एक दो कोच आगे पीछे खड़े हो सकते हैं, बाकी गलत जानकारी नहीं दी जाती। ऑपरेटर की व्यवस्था अब भी नहीं हुई है। टिकट बाबू ही कोच डिस्प्ले सिस्टम चलाते हैं।
एचपी सिंह, स्टेशन अधीक्षक गाडरवारा

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