गाडरवारा। मुख्यमंत्री ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि भावांतर भुगतान योजना लागू की है। जिसमें उपज के माडल रेट के आधार पर किसानों को राशि दी जाती है। लेकिन इस योजना को लेकर किसान शुरुआत से ही सवाल उठाते रहे हैं। भावांतर के तहत ही अभी हाल में किसानों के ग्रीष्मकालीन मूंग, उड़द की खरीद सरकार ने की है। इस पर प्रति क्विंटल आठ सौ रुपए देने की सरकार ने घोषणा की थी। वहीं इससे पहले मार्च अप्रेल में राहर का क्रय इसी योजना के अंतर्गत किया गया था। जिसमें लगभग पचास, साठ किसानों के खाते में रुपए अप्रेल से अब तक नहीं आए हैं। ऐसे किसान जगह जगह चक्कर लगाने को मजबूर हैं। लेकिन कहीं से इसके बाद भी सुनवाई नहीं हो रही।
गाडरवारा तहसील के सोकलपुर गांव के किसान गोवंद संह पटैल ने बताया कि उन्होंने 27 अप्रेल 2018 को भावांतर योजना के तहत जवाहर कृषि उपज मंडी में अपनी 20 क्विंटल राहर बेची थी। लेकिन मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल पर उसकी गणना ही नहीं हुई। इससे परेशान कृषक ने सीएम हेल्प लाईन पर तीन बार सात जुलाई, 13 जुलाई, 21 जुलाई एवं 29 अगस्त को शिकायतें कर दी। इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला। इसके अलावा गोविंद ने 10 जुलाई को कलेक्टर जनसुनवाई, इससे पहले छळ जुलाई को उपसंचालक कृषि नरसिंहपुर के कार्यालय में भी गुहार लगाई। लेकिन आज दिनांक तक उसे कहीं से समस्या का समाधान नहीं मिला है। कृषक गोविंद ने कहा अकेले वहीं नहीं ऐसे पचास साठ और भी लोग हैं जो इसी प्रकार परेशान हैं। कृषक ने सीएम हेल्प लाईन पर तीन बार सात जुलाई, 13 जुलाई, 21 जुलाई एवं 29 अगस्त को शिकायतें कर दी। इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला। इसके अलावा गोविंद ने 10 जुलाई को कलेक्टर जनसुनवाई, इससे पहले छळ जुलाई को उपसंचालक कृषि नरसिंहपुर के कार्यालय में भी गुहार लगाई। लेकिन आज दिनांक तक उसे कहीं से समस्या का समाधान नहीं मिला है। कृषक गोविंद ने कहा अकेले वहीं नहीं ऐसे पचास साठ और भी लोग हैं जो इसी प्रकार परेशान हैं।
Home / Gadarwara / भावान्तर के भंवर में फसे पचासों किसान, पांच माह बाद भी नही मिली राशि