scriptअब घरों के बजाय सड़कों पर दिख रही गौमाता | Gaumata now seen on the roads instead of homes | Patrika News

अब घरों के बजाय सड़कों पर दिख रही गौमाता

locationगाडरवाराPublished: Sep 05, 2018 03:22:51 pm

Submitted by:

ajay khare

ऐसा ही चला तो विलुप्त हो जाएंगे गौवंशीय पशु

cow

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सालीचौका। हिंदू सनातन धर्म में गाय को गौ माता कहते है। धर्म शास्त्रों में लिखा है। कि गाय के शरीर मे 33 करोड़ देवी देवता निवास करते हैं। गाय पूज्यनीय है, लेकिन हालात दिनों दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। हजारों एकड़ खाली पड़ी जमीन पर किसान कृषि करने लगे, शहरों में वहां कॉलोनियां बनकर मकान विकसित हो गए। दूसरी ओर जंगल कट कट कर वीरान हो गए। अब जानवरों के लिए एक मु_ी चारा मिलना नसीब का खेल हो गया है। चारे पानी के खर्चे से बचने अधिकतर पशुपालकों ने अनोखा उपाय सोचा है कि अपने जानवरों को सड़कों पर खुला छोड़ दो। मवेशी कहीं से भी अपना पेट भर लेंगे, तथा उनका चारे पानी का खर्च बचेगा। जिसके चलते जानवर अब पेट भरने के लिए शहर और गांवों में घूमने लगे हैं। जबकि अब से कुछ साल पहले तक अधिकतर लोग मवेशी पालते थे। इनमें सर्वाधिक संख्या गौवंशी पशुओं की है। लोग अपने जानवरों को बांधकर रखते थे। आज वही सड़कों पर खुले घूमते रहते हैं। सवाल है आखिरकार ये मूक जानवर जाएं तो जाएं कहां। इस समय नरसिंहपुर जिले की हर सड़क हर गली में आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। जिसके चलते दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ ने लगा है, हाइवे हो या छोटी सड़क हर जगह बीच सड़क पर घूमने वाले आवारा पशु अब जिले की जनता के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। जिस पर शासन प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा। जिसके चलते आम जनता के साथ साथ किसान भी परेशान हैं। जिसकी खड़ी फसल में जानवरों का झुंड चला गया, समझो उस खेत मे फसल पैदा होना अब नामुकिन है। लोगों का कहना है अब जरूरत है शासन प्रशासन इन मूक जानवरों के बारे में सोचे, नही तो रखरखाव के अभाव में धीरे धीरे यह प्रजातियां भी विलुप्त न हो जाएं। क्योंकि दिनों दिन मवेशी बाजार बंद हो रहे हैं। लोग पशुओं को घरों में पालना बंद कर रहे हैं।

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