निस्वार्थ भक्ति ही सर्वोपरि : विदुषी ऋचा गोस्वामी
गाडरवारा। मां नर्मदा की कृपा से साईंखेड़ा के पास नर्मदा तट खिरेटी घाट में चल रहे श्री महारुद्र यज्ञ एवं संगीतमय शिव महापुराण की कथा का रविवार को प्रसन्नता पूर्वक समापन हुआ। कथा वाचिका अमरकंटक कोटि तीर्थ से आईं युग विभूति विदुषी ऋचा गोस्वामी ने अंतिम दिन कथा के माध्यम से 12 ज्योतिर्लिंग की कथा विस्तार पूर्वक श्रवण कराई। सारे अरमानों की उपस्थिति में यज्ञ की पूर्णाहुति वैदिक रीति से ब्राह्मणों द्वारा पूर्ण हुई। अंतिम दिन की कथा में गाडरवारा एसडीएम राजेश शाह ने अपने साथियों सहित उपस्थित होकर पुराण एवं व्यास पूजन किया। कथा में साध्वी। सपना उपाध्याय का भी आगमन हुआ और उन्होंने भी अपनी अमृतमयी कथा से परमात्मा के चरित्रों का श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि इस संसार में बस मनुष्य दो बातों का ध्यान रखे, परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है एवं दूसरे को कष्ट देने से बड़ा कोई पाप नहीं है। कथा के विश्राम पर गांव के एवं क्षेत्र के अनेक श्रद्धालुओं का आगमन हुआ और भंडारे में प्रसादी ग्रहण की।