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कम दर्ज संख्या वाले सरकारी स्कूल बंद करने की फिराक में प्रदेश सरकार

locationगाडरवाराPublished: Feb 17, 2020 03:45:14 pm

Submitted by:

arun shrivastava

20 तक दर्ज संख्या वाली शालाओं के बुलाए प्रस्तावसाईंखेड़ा ब्लॉक की कई शालाओं पर लटकी तलवार: आखिर कैसे पूरा होगा सर्वशिक्षा अभियान का सपना

कम दर्ज संख्या वाले सरकारी स्कूल बंद करने की फिराक में प्रदेश सरकार

20 तक दर्ज संख्या वाली शालाओं के बुलाए प्रस्तावसाईंखेड़ा ब्लॉक की कई शालाओं पर लटकी तलवार: आखिर कैसे पूरा होगा सर्वशिक्षा अभियान का सपना

गाडरवारा। एकओर सब पढ़े सब बढ़ें के भाव से सरकार द्वारा शिक्षा पर प्रतिवर्ष करोड़ों अरबों रुपए खर्च किए जाते हैं। सर्वशिक्षा अभियान, छात्रवृत्तियां, नि:शुल्क साइकिल वितरण, मध्यान्ह भोजन जैसी अनेक सुविधाएं सरकारी स्कूलों में प्रदान की जाती हैं। दूसरी ओर अनेक सरकारी स्कूलों में कम दर्ज संख्या भी मुसीबत बनी हुई है।
प्रदेश सरकार द्वारा जहां पहले10 से कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने के प्रस्ताव मंगाए थे। वहीं अब जिन स्कूलों में दर्ज संख्या 20 से कम है उन स्कूलों को राज्य शासन द्वारा मर्ज करने के लिए प्रस्ताव मंगाए गए हैं। इसी प्रकार जिला शिक्षा केंद्र नरसिंहपुर द्वारा एक फरवरी 2020 के पत्र द्वारा समस्त विकासखंड स्त्रोत समन्वयकों से 20 से कम दर्ज संख्या वाली शालाओं को मर्ज करने संबंधी प्रस्ताव बुलाए हैं। बता दें जहां एकओर पहले शासन ने नियम बनाए थे कि प्रति एक किलोमीटर में प्राइमरी में स्कूल होगा और प्रति तीन किलोमीटर में मिडिल एवं हाईस्कूल होंगे। लेकिन अब कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों को मर्ज करने के बाद इन शिक्षकों को कहां पदस्थ किया जाएगा, यह समस्या शिक्षकों के लिए बन जाएगी। दूसरी ओर शासन की सर्व शिक्षा अभियान की मंशा पर भी सरकारी स्कूल बंद करने से संकट मंडराएगा। सरकारी स्कूलों में दर्ज संख्या कम होने का प्रमुख कारण शासन द्वारा 25 प्रतिशत गरीब बच्चों का प्राइवेट स्कूल में दर्ज होना बताया गया है। जिससे सरकारी स्कूलों की दर्ज संख्या वर्तमान में बेहद कम हो रही है। अब देखना होगा कि शासन इन शिक्षकों का क्या करती है, जो शिक्षक अतिशेष में रहेंगे। दूसरी तरफ शिक्षकों ने इस निर्णय का दबे स्वर में विरोध करना भी शुरू कर दिया है।
साईंखेड़ा ब्लॉक के अनेक स्कूलों पर मंडराया संकट
जनपद शिक्षा केंद्र साईंखेड़ा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 एवं उससे कम दर्ज संख्या वाली शालाओं की संख्या 19 है। वहीं इसमें तहसील के चीचली और चांवरपाठा ब्लाक की ऐसी शालाओ को मिलाने से यह आंकड़ा लगभग 100 के आसपास हो सकता है। यदि यह निर्णय लागू हुआ तो इन गांवों के बच्चे मजबूरन बाजू के गांव में पढऩे जाएंगे। लोगों का कहना है जब गांव के गांव में ही बच्चों को पढऩे नहीं भेजते तब बाजू के गांव में पालक कैसे भेजेंगे। वहीं इन छोटे बच्चों के लाने जाने के क्या इंतजाम किए जाएंगे, इस बारे में भी कोई स्पष्ट आदेश नहीं है। बहरहाल देखने वाली बात रहेगी कि अगले सत्र से शासन इन स्कूलों का क्या करता है। यदि यह शालाएं बंद हुईं तो अनेक मजरे, टोले एवं गांव प्राथमिक शाला विहीन हो सकते हैं।
सांईखेड़ा ब्लाक के दस एवं कम दर्ज संख्या वाले स्कूल
क्रमांक शाला का नाम दर्ज संख्या
1 ईजीएस नगर टोला रिछावर 04
2 प्राथमिक शाला अमोदा 07
3 ईजीएस हरिजन टोला अमोदा 00
4 ईजीएस तलैया टोला भटेरा 04
5 प्राथ शाला गूजरखेड़ा 07
6 यूईजीएस मटिया टोला 09
7 यूईजीएस काछी टोला तूमड़ा 07
8 प्राथ शाला महेश्वर 04
9 ईजीएस झिरिया टोला उडऩी 03
10 यूईजीएस नब्बा टोला 07
11 यूईजीएस जामधान टोला 06
12 यूईजीएस तिघरा टोला धौखेड़ा 00
13 प्राथ शाला पिपरिया खुर्द 09
14 प्राथ शाला बांसखेड़ा 06
15 यूईजीएस टोला बरहटा 10
16 प्राथ शाला केंकरा 09
17 प्राथ शाला खिरिया(अजंदा) 10
18 प्राथ शाला घुटंगो 05
19 प्राथ शाला बम्हौरी खुर्द 10
इनका कहना,,
राज्य शिक्षा केंद्र से ऐसे स्कूलों की जानकारी मांगी गई थी। जिसके लिए बीआरसी के द्वारा उक्त जानकारी बुलाकर भेज दी गई है। अब आगे जो भी निर्णय होगा वह शासन स्तर से लिया जाएगा।
एसके कोष्ठी, जिला परियोजना समन्वयक
जिला शिक्षा केंद्र नरसिंहपुर

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