नेशनल चाइल्ड राइट्स प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की गुजरात चाइल्ड राइट्स बॉडी की चेयरपर्सन जागृति पांड्या ने कहा, “NCPCR ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर खेल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। सभी राज्यों को इसे लागू करने की आवश्यकता है। खेल के नकारात्मक प्रभावों को देखते हुए, हमने हाल ही में राज्य सरकार को एक पत्र भेजा था जिसमें खेल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई थी। ” इस मामले में कई अधिकारियों का भी मानना है कि इस गेम की वजह से बच्चों के साथ ही बड़ों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
देश के कई हिस्सों में लोग इस गेम को बैन करने की अपील भी कर रहे हैं। आपको बता दें हाल के दिनों में 11 साल के बच्चे ने महाराष्ट्र सरकार को PUBG गेम के बुरे असर के बारे में लिखा था और कोर्ट से इस गेम को बैन करने की गुहार भी लगाई थी। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि PUBG मोबाइल ने उन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया है जो 13 साल से कम उम्र के थे। इससे पहले देश में ‘ब्लू व्हेल’ और ‘मोमो चैलेंज’ जैसे खतरनाक गेम को बैन किया जा चुका है।