पैनासोनिक इंडिया के मोबिलिटी डिविजन बिजनेस हेड पंकज राणा ने कहा, हमें पी99 को बेहतर डिस्प्ले और विभिन्न फ्रंट और बैक कैमरा मोड के साथ पेश करके खुशी हो रही है। इस प्राइस रेंज में यह फोन उपभोक्ताओं को पसंद आएगा। पैनासोनिक पी99 में पांच इंच का डिस्प्ले है और इसमें दो जीबी रैम के साथ 1.25 गिगा हट्र्ज क्वाड कोर प्रोसेसर दिया गया है।
फोन का इंटरनल स्टोरेज 128 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है और इसमें 2000 एमएएच की बैट्री लगी है। यह स्मार्टफोन एंड्रायड 7.0 नूगा ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। स्मार्टफोन एप अवसाद घटाने में मददगार
सिडनी। स्मार्टफोन एप अवसाद के लिए एक प्रभावी उपचार विकल्प हैं, जो मानसिक विकार वाले लाखों लोगों के लिए सुरक्षित और सुलभ हस्तक्षेप के लिए रास्ता तैयार कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है। परिणाम बताते हैं कि स्मार्टफोन अवसादग्रस्त लोगों की देखभाल के लिए आत्मप्रबंधित और व्यवस्थित अवसर दे सकते हैं, क्योंकि स्मार्टफोन उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य पर नजर रखने, समझने और प्रबंधित करने में सहायता कर सकते हैं।
सिडनी। स्मार्टफोन एप अवसाद के लिए एक प्रभावी उपचार विकल्प हैं, जो मानसिक विकार वाले लाखों लोगों के लिए सुरक्षित और सुलभ हस्तक्षेप के लिए रास्ता तैयार कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है। परिणाम बताते हैं कि स्मार्टफोन अवसादग्रस्त लोगों की देखभाल के लिए आत्मप्रबंधित और व्यवस्थित अवसर दे सकते हैं, क्योंकि स्मार्टफोन उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य पर नजर रखने, समझने और प्रबंधित करने में सहायता कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉम्प्लीमेंटरी मेडिसिन (एनआईसीएम) में पोस्ट डॉक्टरेट रिसर्च फेलो और शोध के मुख्य लेखक जोसेफ फर्थ ने कहा, विकसित देशों के अधिकांश लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें युवा लोग अवसाद से ग्रस्त हैं।
फर्थ ने कहा, स्मार्टफोन डिवाइस अंतत: अवसाद के लिए तत्काल सुलभ और अत्यधिक प्रभावी उपचार प्रदान करने में सक्षम हो सकते हैं, जिससे दुनिया भर में इस स्थिति के सामाजिक और आर्थिक बोझ को कम किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने वल्र्ड साइकेट्री पत्रिका में प्रकाशित पत्र में कहा है कि एक ‘एकीकृत चिकित्सा’ ²ष्टिकोण के रूप में उपयोग किए जाने वाले एप्स विशेष रूप से मनोदशा में सुधार लाने और रोगों में कई मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों और प्रमुख अवसाद, हल्के से मध्यम अवसाद, दिमागी विकार, चिंता और अनिद्रा जैसे लक्षणों से निपटने में उपयोगी हो सकते हैं। इस अध्ययन में 18-59 की उम्र की बीच के 3,400 अधिक पुरुष और महिला प्रतिभागियों को शामिल किया गया था।