इस कैमरा में 4के वीडियो गुणवत्ता, वाइड डायनेमिक रेंज और नोयॉज रिडक्शन के साथ उच्च संवेदनशील फीचर्स हैं। यह कैमरा लाइव व्यू मोड में लगातार आठ फ्रेम प्रति सेकेंड की रफ्तार से शूट कर सकता है। यह कैमरा ‘इमेजिंग एज’ सॉफ्टवेयर सुईट के साथ आता है जो यूजर्स को प्री-प्रोसेसिंग से लेकर पोस्ट-प्रोसेसिंग तक में मदद करता है।
नए कैमरे की बैटरी लाइफ पहले से बेहतर बनाई गई है और इसमें सोनी का ‘जेड’ सीरीज बैटरी लगाया गया है, जिसकी क्षमता पहले के मॉडलों में लगाई गई ‘डब्ल्यू’ सीरीज की तुलना में दोगुनी है। नया कैमरा वाई-फाई से भी लैस है, जिसकी मदद से स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर या एफटीपी सर्वर में आसानी से फाइलों को हस्तांतरित किया जा सकता है।
आपके लिए बहुत उपयोगी है वीडियो कैमरा
कुछ साल पहले तक पोर्टेबल डिवाइस से हाई क्वालिटी वीडियो लेने के लिए वीडियो कैमरा ही इस्तेमाल किया जाता था। इसकी वीडियो और साउंड क्वालिटी डिजिटल स्टिल कैमरे की तुलना में कहीं बेहतर होती थी। अब स्टिल कैमरे की वीडियो क्वालिटी में सुधार के कारण लोग वीडियो कैमरा खरीदने से बचते हैं। फिर भी अगर आप वीडियो रिकॉर्डिंग को प्राथमिकता देते हैं और लगातार रिकॉर्डिंग करना चाहते हैं तो वीडियो कैमरा आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। जानते हैं वीडियो कैमरा की खासियतों के बारे में विस्तार से-
अच्छी जूम रेंज
ज्यादातर वीडियो कैमरों में ऑप्टिकल जूम होता है, जिसकी रेंज 10 एक्स से 70 एक्स तक होती है। इससे आप निश्चित दूरी से सब्जेक्ट्स को कैप्चर कर सकते हैं। इसके अलावा सभी वीडियो कैमरे आपको वीडियो की रिकॉर्डिंग के दौरान जूम इन और आउट की सुविधा देते हैं।
शानदार साउंड रिकॉर्डिंग
बड़े आकार के वीडियो कैमरा में डिजिटल कैमरा की तुलना में मल्टीपल और बड़े माइक्रोफोन्स लगे होते हैं। ये काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। इस कारण से वीडियो कैमरे अच्छा स्टीरियो साउंड रिकॉर्ड कर सकते हैं। कुछ हाई एंड मॉडल्स में विंड नॉइस रिड्यूशन और एक्सटर्नल माइक्रोफोन सपोर्ट जैसे फीचर्स भी होते हैं। इन खूबियों के कारण आवाज स्पष्ट सुनाई देती है। आवाज की स्पष्टता के चलते वीडियो कैमरे पसंद किए जाते हैं।
शानदार रिकॉर्डिंग
वीडियो कैमरे का हर हिस्सा इस तरह डिजाइन किया जाता है कि इससे वीडियो रिकॉर्डिंग में आसानी रहे। यह कॉम्पैक्ट कैमरों की तुलना में बेहतर होता है। कई फंक्शन जैसे लाइट में बदलाव पर एडजस्टमेंट की गति, सब्जेक्ट पर फोकसिंग, डेप्थ ऑफ फील्ड के मामले में वीडियो कैमरा बेहतर होता है। कई डीएसएलआर अच्छी क्वालिटी के वीडियो रिकॉर्ड करते हैं, लेकिन यह उनके बड़े सेंसर्स (ज्यादा लाइट सेंसेटिव) और लैंसों के विस्तृत चुनाव के कारण होता है। डीएसएलआर में भी कई बार फिल्मिंग के दौरान आप कैमरा तेजी से घुमाते हैं तो सीएमओएस सेंसर के कारण थोड़ी परेशानी आ सकती है। ऐसा वीडियो कैमरे में नहीं होगा। अगर रिकॉर्डिंग के लिहाज से कैमरा ले रहे हैं तो वीडियो कैमरा ही खरीदना चाहिए। वीडियो कैमरा आपके लिए काफी उपयोगी साबित होता है।
स्टोरेज का विकल्प
वीडियो कैमरा में वीडियो और फोटोज स्टोर करने के कई विकल्प मौजूद होते हैं। सस्ते मॉडल्स में मिनी डीवी टेप्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि अभी तक डिजिटल ही हैं। कुछ मॉडल्स में स्टिल कैमरा की तरह मेमोरी काड्र्स का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ वीडियो कैमरों में बिल्ट इन हार्ड ड्राइव (160 जीबी तक) का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कुछ घंटों तक का वीडियो स्टोर किया जा सकता है। अब स्टोरेज का विकल्प काफी बढ़ गए हैं।
आसान डाटा ट्रांसफर
अगर वीडियो कैमरा में स्टोरेज के लिए मेमोरी कार्ड या हार्ड ड्राइव का इस्तेमाल किया जाता है तो वीडियो ट्रांसफर करना सरल है। एक यूएसबी केबल कनेक्ट करें और फाइल्स को कम्प्यूटर में कॉपी करें। जिन वीडियो कैमरों में मिनी डीवी टेप्स का इस्तेमाल होता है, उन्हें फायरवायर केबल के माध्यम से कनेक्ट करने की जरूरत पड़ती है। जेनेरिक कार्ड रीडर में मेमोरी कार्ड लगाकर भी इसे पीसी में रीड कर सकते हैं। कुछ वीडियो कैमरों में बिल्ट इन वाई-फाई होता है, जिससे आप कम्प्यूटर तक वायरलेसली डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं।
लंबी रिकॉर्डिंग
डिजिटल कैमरा में अधिकतम 30 मिनट की लगातार वीडियो रिकॉर्डिंग कर सकते हैं। इसके बाद यह अपने आप रुक जाता है और नई रिकॉर्डिंग शुरू होती है। वीडियो कैमरा में उपलब्ध स्टोरेज का प्रतिबंध है। स्टोरेज कैपिसिटी ज्यादा है तो लगातार रिकॉर्डिंग जारी रख सकते हैं।
एडवांस्ड कंट्रोल्स
वीडियो कैमरा में एडवांस्ड कंट्रोल्स होते हैं। इनसे वीडियो रिकॉर्डिंग के कई पहलुओं पर फुल कंट्रोल कर सकते हैं। आप एफपीएस, व्हाइट बैलेंस, एक्सपोजर कंपोजिशन को नियंत्रित कर सकते हैं। डिजिटल कैमरा में वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए ये सैटिंग्स मुश्किल से ही मिल पाती हैं।
हाई क्वालिटी वीडियो
अगर आपकी मुख्य जरूरत हाई क्वालिटी वीडियो कैप्चर करना है तो वीडियो कैमरा अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। गौरतलब है कि ज्यादातर वीडियो कैमरों से स्टिल इमेज की क्वालिटी औसत ही आती है। फिर भी अगर आपकी प्राथमिकता स्टिल इमेज शूटिंग और कभी-कभी वीडियो तैयार करना है तो डिजिटल कैमरा लेना ठीक रहेगा। ज्यादातर हाई एंड कैमरे फुल एचडी वीडियो रिकॉर्डिंग ऑफर करते हैं। इनकी क्वालिटी इतनी अच्छी होती है कि फ्लैट टीवी या प्रोजेक्टर पर आप इन्हें आसानी से देख सकते हैं। हाई क्वालिटी वीडियो के लिए वीडियो कैमरा काफी अच्छा आउटपुट देते हैं।