बार-बार रेत उत्खनन की शिकायत कलक्टर से किए जाने के बाद तहसीलदार और वन विभाग को अब यह कार्रवाई करनी पड़ी। ग्रामीणों ने कहा कि भूपेश सरकार कहती है कि वह रेत के अवैध खेल पर रोक लगाने के लिए पूरी तरह संकल्पित है, लेकिन खनिज विभाग में बैठे अधिकारी उनकी मंशा पर पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे। अगर सरकार वाकई में चाहती है कि रेत का अवैध कारोबार पूरी तरह रोक लगे तो इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि सरकार रायपुर खनिज विभाग में लंबे समय से जमे अधिकारियों को हटाना होगा।
बता दें कि चंपारण क्षेत्र के कोलियारी, चंपारण, कुम्हारी, गौरभाट, टीला आदि रेत घाट में खनिज विभाग की मिलीभगत से लंबे समय से महानदी में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन नदी का अस्तित्व दांव पर लग गया है। इन क्षेत्रों में रेत का अवैध खेल सत्ता में आए जनप्रतिनिधियों द्वारा ही खेला जा रहा है। जो कि पूर्व में रेत के अवैध खेल के नाम पर काफी आवाज उठाते रहे हैं।