नगर के ओम शांति कालोनी निवासी शिक्षक भंवरलाल साहू ने अपने इंजीनियर पुत्र गुलाबचंद साहू का विवाह सामाजिक रीतिरिवाज से जून 2013 को फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम बारूला निवासी सुखदेव साहू की पुत्री पूर्णिमा साहू से किया था। विवाह के दो-तीन माह बाद ज्ञात हुआ कि पूर्णिमा पूर्व से ही शादीशुदा है और बिना विधिवत तलाक लिए उसने गुलाबचंद से विवाह किया है।
महिला अपनी सहमति से विवाह विच्छेद कर दिया
वहीं, पूर्णिमा साहू ने न्यायालय को बताया कि समस्त तथ्यों से अवगत कराते हुए बताया गया था कि घनश्याम के साथ मेरे प्रेम विवाह के दो महीने बाद नोटरी के समक्ष एक स्टाम्प में आपसी सहमति से विवाह विच्छेद कर लिया गया है। जिसके बाद भलीभांति विचार करने के बाद ही गुलाबचंद और उसके पिता भंवरलाल साहू विवाह करने को तैयार हुए। हालांकि पूर्णिमा कोई गवाह प्रस्तुत करने में असफल रही।
न्यायाधीश ने कहा कि साक्ष्य के अनुसार विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त किए बिना दूसरा विवाह किया जाना, दूसरा विवाह शून्य एवं अकृत घोषित किये जाने योग्य है। वहीं न्यायाधीश ने पूर्णिमा द्वारा विवाह के समय गुलाबचंद को उसके परिवार द्वारा दिये गए स्त्रीधन को वापस दिलाए जाने की मांग भी अस्वीकृत कर दिया।