गौरतलब है कि वनभैंसों के संरक्षण और संवर्धन के लिए विभाग द्वारा करोड़ों रुपए फूंके जा चुके हैं। लेकिन उदंती में वनभैंसों की संख्या तेजी से घटी है। 2005 में वन प्रशासन द्वारा 61 वनभैंसों की संख्या दर्ज करने का दावा किया था, लेकिन वर्ष 2007 में नई दिल्ली से आये टास्क फोर्स के सदस्यों ने यहां केवल 7 वनभैंसा होने की जानकारी देकर वन विभाग के तमाम बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी थी।
लेकिन 2007 के बाद भी सरकार ने वनभैंसों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जितनी भारी भरकम राशि खर्च की है, उसके हिसाब से इसकी संख्या में कोई वृद्धि नहीं दिखाई देती है। वर्तमान में उदंती अभयारण्य में मात्र 7 नर वनभैंसा व 02 मादा वनभैंसा हैं, जिसमें से एक वनभैंसा रामू पिछले तीन वर्षों से गायब है और कहां है इसकी कोई जानकारी स्थानीय वन प्रशासन के पास नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह था कि मृत श्यामू वनभैंसा के गुप्तांग गायब थे, जो कई सवाल खड़े करते हैं। और तो और एक पखवाड़े बाद भी वनभैंसा के मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया।