पूरी घटना की जानकारी के बाद विधायक अमितेश शुक्ल ने जिला अध्यक्ष भावसिंह साहू एवं ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू को सभी कार्यकर्ताओं की घर वापसी कराने का जिम्मा सौंपा। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान विपक्ष के नेताओं ने भी विधायक पर जमकर निशाना साधा और पूरे घटनाक्रम के लिए विधायक को जिम्मेदार बताया। आखिरकार 6 दिनों तक मान मन्नौवल का दौर चला और 200 कार्यकर्ताओं ने विधायक पर लगाए आरोपों को वापस लेते हुए लिखित में माफी मांगते हुए भाव आवेश में ऐसा निर्णय लेने और विधायक पर आरोप लगाने की बात कही और अपना इस्तीफा वापस लिया।
इस पूरे घटनाक्रम में विधायक अमितेश शुक्ल ने अपने राजनैतिक कुशलता का परिचय देते हुए सभी दोस्तों कार्यकर्ताओं की घर वापसी कराई एवं सरपंच के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई करने की बात कहीं। राजिम विधायक अमितेश शुक्ला ने कहा, कांग्रेस पार्टी के सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता परिवार के सदस्य समान हैं। परिवार में अगर कोई भावावेश में आकर किसी तरह की बातें बोल देता है तो उसे दिल पर नहीं लिया जाता। उन्होंने अपनी गलती पर माफी मांग ली है, मैंने उन्हें माफ कर दिया है।
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26 सितंबर को कोपरा सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे 130सी जाम किया।
27 सितंबर को कलेक्टर ने जांच टीम गठित की।
5 अक्टूबर को कोपरा पंचायत का सचिव निलंबित।
12 अक्टूबर को सरपंच पर कार्यवाही नही होने से नाराज 5 जिला महामंत्री और 5 ब्लाक महामंत्री सहित 200 कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नाम इस्तीफा दिया।
13 अक्टूबर को कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने 200 कार्यकर्ताओं का इस्तीफा स्वीकार करने से मना किया।
14 अक्टूबर को विधायक अमितेश शुक्ल ने कांग्रेसियों की वापसी के लिए जिला अध्यक्ष एवं ब्लॉक अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपी।
14 अक्टूबर को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू पूरे घटनाक्रम के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताते बताते मीडिया में समाने भावुक हो उठे।
16 अक्टूबर को प्रभारी मंत्री अमरजीत सिंह भगत एवं विधायक अमितेश शुक्ला ने फोन कर कार्यकर्ताओं को सरपंच के ऊपर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
18 अक्टूबर को कांग्रेस के सभी 200 कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से मिलकर इस्तीफा वापस ले घर वापसी की।