संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी ने टिकट कटने के दौरान कहा कि मुझे टिकट नहीं मिली, इसका मुझे कोई गम नहीं है, लेकिन पुजारी को टिकट मिला इसका मुझे भारी अफसोस है। मांझी ने कहा कि पांच सालों में संगठन के कार्यक्रम से पूर्व विधायक पुजारी पूरी तरह से नदारद और संगठन के काम को लेकर हमेशा वे निष्क्रिय रहे। वहीं इन सब बातों की जानकारी संगठन के पास भी थी कि कौन सक्रिय और कौन निष्क्रिय। इसके बाद भी निष्क्रिय व्यक्ति पर भरोसा किया गया, जिसके चलते पार्टी के प्रति निष्ठावान रहने वाले कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा।
सरकार के योजनाओं का सफल क्रियान्वयन भी किया। सरकार की योजनाओं के बूते बिन्द्रानवागढ़ सीट बिजेपी के लिए अजय सीट बन गया है। कोई भी प्रत्याशी हो यहां जीत सुनिश्चित है। अपनी पीड़ा से संगठन और मुख्यमंत्री को अवगत कराऊंगा, जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसका निर्वहन करूंगा, लेकिन प्रचार में नहीं जाऊंगा।
इस बार 41 हजार वोटों से जीतना था तय
संसदीय सचिव गोवर्धन सिंह मांझी ने कहा कि उन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल में हर अंतिम गांव तक विकास की किरण को फैलाने का बखूबी काम किया है। ऐसे में उन्हें पूरा विश्वास था कि उनके काम के बदौलत पार्टी उन्हें फिर से चुनावी मैदान में उतारेगी और जनता का सेवा करने का मौका देगी। मांझी ने कहा कि इस अगर पार्टी मौका देती तो वे 41 हजार वोट से जीतकर विधानसभा में जाते।
दूसरे दावेदार रामरतन मांझी ने कहा कि 20 साल से टिकट की मांग कर रहा हूं। अब उम्र 60 से ऊपर हो गई है। यह मेरे लिए अंतिम अवसर था। रामरतन मांझी ने कहा कि विभिन्न संगठनों ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। उनके प्रत्याशी घोषित होने के बाद यहां का समीकरण बदलेगा।
पिछले चुनाव में किया था भीतरघात
पूर्व विधायक डमरूधर पुजारी और वर्तमान में भाजपा के प्रत्याशी डमरूधर पुजारी पर संसदीय सचिव गोवर्धन सिंह मांझी आरोपों की झड़ी लगाते नजर आ रहे है। मांझी के अनुसार जब उन्हें वर्ष 2013 में टिकट मिली थी, उस दौरान उनके विपक्ष में कांग्रेस से जनक धु्रव को मैदान में उतारा गया था।
मांझी ने आरोप लगाया है कि उस दौरान पुजारी ने पार्टी के साथ भीतरघात करते हुए जनक धु्रव का प्रचार किया था। मांझी ने दावा किया कि मामले की प्रमाणिक रिपोर्ट भी संगठन को भेजी गई थी। वहीं संगठन के पास हर मामले की जानकारी होने के बाद भी प्रत्याशी बनाकर फिर से मैदान में उतारा गया है, इससे आहत होने की बात संसदीय सचिव गोवर्धन सिंह मांझी ने कही।