इस पर कलेक्टर ने पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की। वहीं जल्द ही उचित कदम उठाने के निर्देंश दिए। वहीं डायलिसिस मशीन के विषय में ग्रामीणों ने कलक्टर से जानकारी मांगी, जिस पर धावड़े ने बताया कि जल्द ही देवभोग सीएससी में डायलिसिस मशीन शुरू करने के निर्देश उन्होंने दिए हैं। कलक्टर के दौरे से ग्रामीणों में उत्साह भी नजर आया। दौरे के दौरान प्रमुख रूप से एसडीओपी राहुलदेव शर्मा, एसडीएम निर्भय साहू, पीडब्लूडी के एसडीओ एमके साहू के साथ ही अन्य अधिकारी कर्मचारीगण प्रमुख रूप से मौजूद थे।
शिक्षक की पढ़ाई व्यवस्था पर जताई नाराजगी
कलक्टर श्याम धावड़े के साथ ही पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे ने सुपेबेड़ा के प्राथमिक शाला का निरीक्षण भी किया। इस दौरान वहां पढ़ा रहे शिक्षक के सामने ही बच्चों से पहाड़ा पूछा। एक बच्ची ने तीन का पहाड़ा पढक़र कलेक्टर को सुनाया। वहीं पांचवीं क्लास के बच्चे पहाड़ा और जीके भी नहीं बता पाए.जिस पर कलक्टर ने शिक्षक पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षक पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं है। दस दिनों के अंदर शिक्षक को पढ़ाई व्यवस्था में कसावट लाने के निर्देंश दिए।
नहीं होती ग्राम सभा की बैठक
ग्रामीणों ने कलक्टर को बताया कि बीते चार साल से यहां ग्रामसभा नहीं हो रही है। ग्रामीणों की माने तो मात्र पंच और सरपंच और सचिव एक पेड़ के नीचे ग्रामसभा की प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं। ऐसे में ग्रामीण अपनी समस्या पंचायत की बैठक में रख नहीं पाते, जिसके कारण उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी के साथ ही ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि यहां अभी तक पंचायत भवन ही नहीं है। पंचायत का कामकाज पेड़ के नीचे बैठकर ही किया जाता है। कलक्टर ने जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ ही पंचायत सचिव को निर्देंशित किया कि स्कूल के सामने वाली भवन का मरम्मत करवाकर पंचायत यहां लगाया जाए।