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इस स्कूल की जमकर हो रही तारीफ, कारण जान आप भी करने लगेंगे तारीफ

locationगरियाबंदPublished: Dec 08, 2017 03:27:59 pm

पहले जहां स्थिति यह थी कि शासन द्वारा मॉडल स्कूल का संचालन किया जा रहा था। जहां दिन ब दिन शिक्षा का स्तर घटता नजर आ रहा था।

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देवभोग. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने डीएवी के साथ मिलकर जो शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास किया था और मुख्यमंत्री डीएवी स्कूल शुरू किया था।

उनका यह प्रयास जमीनी स्तर पर सफल साबित होता दिख रहा है। पहले जहां स्थिति यह थी कि शासन द्वारा मॉडल स्कूल का संचालन किया जा रहा था। जहां दिन ब दिन शिक्षा का स्तर घटता नजर आ रहा था। इसके बाद सीएम ने एक बड़ा कदम उठाते हुए डीएवी से अनुबंध करते हुए मुख्यमंत्री डीएवी स्कूल शुरू किया। वहीं, सीएम के इस प्रयास का असर देवभोग जैसे दूरस्थ अंचल में भी दिखने लगा है। आज मुंगझर के डीएवी स्कूल में पढऩे वाले बच्चे कंम्प्यूटर तकनीक से लेकर अंग्रेजी विषयों के पढ़ाई में भी पारंगत हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि ब्लाक के दूरस्थ अंचल से आने वाले बच्चे भी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते स्कूल में नजर आते हैं। वहीं शिक्षक के कार्यप्रणाली की तारीफ भी पालक करते दिखते हैं। वहीं दिन ब दिन स्कूलों के प्रति पालकों का भरोसा भी शिक्षा व्यवस्था को लेकर बढ़ता दिख रहा है।
बच्चों को दिया जा रहा तकनीकी ज्ञान
देवभोग जैसे पिछड़े क्षेत्र में पढ़ाई को लेकर पिछले दो साल में डीएवी स्कूल में एक अलग ही असर बच्चों के बीच देखने को मिला है। स्कूल के प्राचार्य पी. वेनुगोपाल राव ने बताया कि आज के समय में बच्चों को कम्प्यूटर की हर तकनीक का ज्ञान होनी चाहिए। ऐसी स्थिति को देखते हुए डीएवी स्कूल में कम्प्यूटर का एक अलग क्लास शुरू किया गया है। बीई में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर चुकी शिक्षिका श्रेया पटेल का कहना है कि कंप्यूटर के प्रति बच्चों में एक अलग ही उत्साह स्कूल में देखने को मिलता है। शिक्षिका पटेल के मुताबिक स्कूल में शुरुआती दौर में देखने को मिलता था कि अधिकतर बच्चों ने कंप्यूटर को देखा भी नहीं था। ऐसे में उन्हें पहले कंप्यूटर के विषय में पूरी जानकारी दी गई।
प्राचार्य की कार्यप्रणाली से पालक हुए जागरूक
स्कूल के प्राचार्य पी. वेनुगोपाल राव बताते हैं कि शुरुआती दौर में ये स्थिति थी कि ग्रामीण अंचल से आने वाले बच्चे बिना साफ-सफाई के या फिर खाली पैर बिना यूनिफार्म का ध्यान रखे स्कूल पहुंच जाया करते थे। इसके बाद प्राचार्य ने बच्चों के पालकों से संपर्क किया। उन्होंने स्वच्छता के साथ की कुछ बदलाव करने के टिप्स दिए। वहीं रोज क्लासरूम में जाकर बच्चों से मिलकर उनके यूनिफार्म के साथ ही हर जानकारी लिया करते थे। लगातार बच्चों और उनके पालकों को जागरूक करने के बाद पंद्रह दिन में ही असर दिखना शुरू हो गया। वहीं, आज ग्रामीण अंचल से आने वाले बच्चों के साथ ही हर बच्चा अनुशासन का पालन करता हुआ स्कूल परिसर में दिखता है। वहीं, ग्रामीण अंचल के बच्चे इतनी अच्छी इंग्लिश बोलते है कि अन्य लोग बच्चों की कार्यप्रणाली की तारीफ करते नजर आते है।
मेरी सोच है कि आने वाले पांच साल में डीएवी स्कूल मुंगझर को पूरे छत्तीसगढ़ में अव्वल स्थान दिलाऊं। वहीं, इस सोच को लेकर हमारी टीम काम भी कर रही है। आने वाले दिनों में हमारी स्कूल यह स्थान जरूर प्राप्त करेंगी।
पी वेनुगोपाल राव, प्राचार्य, डीएवी स्कूल मुंगझर
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