बुजुर्ग हितग्राही उवासी बाई से मिली जानकारी के अनुसार 28 फरवरी 2017 को उसके खाते में प्रधानमंत्री आवास की पहली किस्त 52 हजार रुपए उसके बैंक खाता में आया था। जब आवास मित्र के द्वारा राशि खाते में जमा होने की जानकारी दिए जाने के बाद उवासी बाई अपने पुत्र के साथ अमलीपदर के ग्रामीण बैंक पहुंची, जहां उसे पता चला कि उसके खाते से आवास की पहली किस्त निकाली जा चुकी है।
इसके बाद उवासी बाई के होश उड़ गए। पंचायत के सरपंच और सचिव के द्वारा राशि निकाले जाने की बात सुनकर वह सीधे सरपंच और सचिव के पास पहुंची, जहां दोनों ने राशि निकाले जाने की बात को भी कबूला और जल्द राशि वापस देने की बात भी कही। लेकिन पिछले नौ महीने से राशि पाने के लिए उवासी बाई सरपंच और सचिव के चक्कर लगाने को मजबूर हो गई है।
चेक हो गया बाउंस
उवासी बाई के पुत्र इंद्रजीत नागेश ने बताया कि करीब छह महीने तक सरपंच और सचिव के द्वारा गोलमोल जवाब मिलने पर अंतत: हितग्राही थक गई, इसके बाद उसने अमलीपदर में लगे जिला स्तरीय शिविर में शिकायत करने का मन बना लिया था, जैसे ही जानकारी सचिव को लगी, उसने तत्काल उवासी बाई के पुत्र को 52 हजार का पंचायत का चेक भी काटकर दिया।
इसके बाद हितग्राही उस चेक को लेकर देना बैंक पहुंची, जहां उसे पता चला कि खाते में पैसा ही नहीं है। महिला ने कलक्टर के साथ ही जिला पंचायत सीईओ के पास शिकायत कर जांच की मांग कर चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उवासी बाई का कहना है अब इस संबंध में वह सीएम से मिलकर शिकायत करेगी।