दोनों नदियों का पानी तेजी से बहकर राजिम के संगम में पहुँचने लगा। राजिम एनीकट के सभी गेट बंद रहने से पानी एनीकट से टकराकर वापस पीछे की ओर संगम में महानदी के आगमन क्षेत्र की ओर जाने लगा। पीछे बहता पानी नवापारा से 4 किमी दूर ग्राम दुलना डैम तक पहुँच गया। अचानक आई बाढ़ की खबर स्थानीय पालिका प्रशासन को भी नहीं हुई थी, ऐसे में रात को अचानक आने वाली आपदा से ग्रसित होने वाले लोग अपने जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गए।
संगम में रात 10 बजे तक लगभग 15 फुट पानी भर चुका था और संगम के मध्य में स्थित भगवान कुलेश्वरनाथ के मंदिर के चारों ओर चढऩे लगा था। ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि रात में पानी के लगातार बढऩे से सुबह तक मन्दिर का चबूतरा जलमग्न हो जाएगा। लेकिन गरियाबंद इलाके में रविवार को थमी बारिश(Rain) ने सारी आशंकाओं को निर्मूल साबित कर दिया। सुबह 6 बजे के बाद संगम का पानी उतरना शुरू हो गया।